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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय
ई० नील स्पेन्स ऐंड हरी
वास्ते एच० बर्नबर्ग ऐंड कं० फ्राइजमैन ऐंड शैपिसो
जनरल मर्चेट्स ऐंड इम्पोर्टर्स जे० फाजलमैन
जोहानिसबर्ग टी० रेट्स ऐंड कं०
जे० कुस्टिंग जे० गंडेलफिंगर
एन० डबल्यू० लुईस वास्ते बी० गंडेल फिंगर
 

परिशिष्ट ङ

(सही अनुवाद)
सेवामें
श्रीमान् अध्यक्ष महोदय
दक्षिण आफ्रिकी गणराज्य, प्रिटोरिया

नम्र निवेदन है कि,

गणराज्यवासी कतिपय स्वार्थी यूरोपीयोंने इस आशयकी ठठे गलतबयानियाँ को हैं कि इस राज्यके नागरिक भारतीयोंके इस राज्यमें रहने और व्यापार करनेके विरोधी हैं। वे भारतीयोंके खिलाफ आन्दोलन भी कर रहे हैं। इस सबकी दृष्टिसे हम नीचे हस्ताक्षर करनेवाले नागरिक आदरपूर्वक निवेदन करना चाहते हैं कि भारतीयोंके इस राज्यमें रहने और व्यापार करनेका विरोध करना तो बहुत दूर, उलटे हम उन्हें शान्तिप्रिय और कानूनका पालन करनेवाले, अतः वांछनीय मानते हैं। गरीबोंके लिए तो वे वरदान जैसे ही हैं, क्योंकि वे अपनी जोरदार होड़के द्वारा जीवनकी आवश्यक वस्तुओंके भाव सस्ते रखते हैं। उनके लिए ऐसा करना उनके कमखर्च और संयमी आदतोंके कारण सम्भव है।

हम निवेदन करनेकी इजाजत चाहते हैं कि उनका राज्यसे चले जाना हमारे लिए घोर संकटका कारण बन जायेगा। हममें से जो लोग व्यापारिक केन्द्रोंसे बहुत दूर रहते हैं और अपनी रोजमर्राकी जरूरतें पूरी करनेके लिए भारतीयोंपर निर्भर करते हैं, वे तो खास तौरसे संकटमें पड़ जायेंगे। इसलिए उनकी स्वतन्त्रताको मर्यादित करनेवाला और अन्ततः उनको, खास तौरसे व्यापारियों और फेरीवालोंको, निकाल देनेके लक्ष्यवाला कोई भी कानून हमारे आराम-चैनमें बाधक हुए बिना न रहेगा। इसलिए हम नम्रतापूर्वक प्रार्थना करते हैं कि सरकार ऐसे कोई कदम न उठाये जिनसे भारतीय डरकर ट्रान्सवालसे चले जायें।[१]

 
  1. इसपर अनेक नागरिकोंके हस्ताक्षर थे।