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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

नहीं मिलता है? मांस खानेकी आदत वास्तव में समाजकी प्रगतिमें बाधक हुई है। इसके अलावा, जिन दो महान समाजोंको एकताके साथ कंधेसे-कंधा मिलाकर काम करना चाहिए उनके बीच उसने अप्रत्यक्ष रूपमें फूट पैदा कर दी है। यह महत्त्वपूर्ण वस्तुस्थिति भी देखने योग्य है कि उपनिवेशके भारतीयोंका स्वास्थ्य उतना ही अच्छा है जितना कि यूरोपीयोंका। मैं जानता हूँ कि यदि यूरोपीय या उनकी मांसकी बटलोइयाँ न होतीं तो बहुत-से डाक्टर भूखों मरते होते। भारतीय अपनी कमखर्चीकी और शराब से परहेजकी आदतोंके कारण सफलताके साथ यूरोपीयोंकी बराबरी कर सकते हैं। इन दोनों आदतोंका मूल अन्नाहार ही है। अलबत्ता, इतना तो समझ लेना चाहिए कि उपनिवेशके भारतीय शुद्ध अन्नाहारी नहीं हैं; वे लगभग अन्नाहारी माने जा सकते हैं।

अब हम देखेंगे कि पाइनटाउनके निकटवर्ती मेरियन हिलके ट्रैपिस्ट लोग उपर्युक्त सत्यके कैसे स्थायी साक्षी हैं।

पाइनटाउन एक छोटा-सा गाँव है। वह डर्बनसे १६ मील रेलमार्गपर है। वह समुद्र के स्तरसे लगभग १,१०० फुटकी ऊँचाईपर है और उसकी आबहवा बहुत अच्छी है।

ट्रैपिस्ट मठ पाइनटाउनसे लगभग तीन मीलपर है। वह एक पहाड़ीपर, या यों कहिए कि, पहाड़ियोंके एक समूहपर बना हुआ है। उस पहाड़ीको मेरियन हिल कहा जाता है। मैं अपने एक साथीके साथ वहाँ पैदल गया। छोटी-छोटी पहाड़ियोंके बीचसे, जो सब हरी घाससे आच्छादित है, यह यात्रा बड़ी ही आनन्दप्रद रही।

बस्ती में पहुँचने पर हमने एक सज्जनको देखा, जो मुँहमें विलायती पाइप दबाये हुए था। हमने एकदम ताड़ लिया कि यह उस भ्रातृमण्डलका नहीं है। तथापि, वह हमें प्रेक्षकोंके कमरेमें ले गया। वहाँ प्रेक्षकोंके लिए एक रजिस्टर रखा हुआ था, जिसमें वे अपनी सम्मतियाँ दर्ज करते हैं। रजिस्टरसे मालूम हुआ कि वह १८९४ में शुरू किया गया था, परन्तु तबतक मुश्किलसे उसके बीस पृष्ठ भरे थे। सचमुच, मिशनकी जानकारी लोगोंको जितनी होनी चाहिए उतनी नहीं है।

इस समय भ्रातृमण्डलका एक सदस्य आया और उसने बहुत झुककर नमस्कार किया। हमें इमलीका पानी और अनन्नास दिये गये। ताजे हो जानेपर हम मार्गदर्शकके साथ, जहाँ-जहाँ वह हमें ले गया वहाँ-वहाँ, विभिन्न स्थान देखनेके लिए गये। जो भिन्न-भिन्न इमारतें दिखाई देती थीं वे सब ठोस लाल ईंटोंकी थीं। सब जगह शान्ति थी। यह शान्ति सिर्फ कारखानेके औजारों या देशी बच्चोंकी आवाजसे ही भंग होती थी।

यह बस्ती एक छोटा-सा, शान्त, आदर्श गाँव है। वह किसी व्यक्ति-विशेषकी सम्पत्ति नहीं, सच्चेसे-सच्चे गणतन्त्रीय सिद्धान्तोंके आधारपर सबकी सम्पत्ति है। वहाँ स्वतन्त्रता, समानता और भ्रातृत्वके सिद्धान्तका पूरी-पूरी तरह पालन किया जाता है। प्रत्येक पुरुष भाई हैं, प्रत्येक स्त्री बहन है। व्रती-पुरुष (मॉक्स) की संख्या आश्रम में १२० है, और व्रती स्त्रियोंकी संख्या लगभग ६० है। व्रती-स्त्रियोंको सिस्टर कहा जाता है। बहनोंका बिहार भाइयोंके विहारसे लगभग आधा मील है। भाई और बहन