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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


किसी भी उपनिवेशमें सम्राज्ञीके किसी भी प्रजाजनके बसनेमें रुकावट आती है, उनके साथ मेरी कोई सहानुभूति नहीं है। परन्तु नेटालमें भारतीय प्रवासियों के प्रति इस समय जो भावनाएँ प्रकट की जा रही हैं उनका खयाल करके मैं आयुक्तोंके पिछले अनुच्छेद में उल्लिखित २० जनवरी १८९४ के स्मरणपत्रके सुझाव ('क' से 'च' तक) निम्नलिखित शर्तोंपर स्वीकार करनेको तैयार हूँ :

(क) किसी भी कुलीको शुरूमें ही इस इकरारपर भरती किया जायेगा कि अगर उसने गिरमिटकी अवधिके बाद उन्हीं शर्तोंपर फिरसे इकरार करना पसन्द न किया तो उसे अवधिके अन्दर या उसके समाप्त होनेपर तत्काल भारत लौटना होगा।
(ख) जो कुली लौटनेसे इनकार करें उन्हें किसी भी हालत में फौजदारी कानून के अनुसार दण्ड नहीं दिया जायेगा, और

(ग) प्रत्येक नया इकरारनामा दो वर्षके लिए होगा। पहली अवधिके और बादकी प्रत्येक अवधि के अन्तमें मुफ्त वापसी टिकटको व्यवस्था की जायेगी। वर्तमान व्यवस्था में सम्राज्ञी सरकारकी अनुमति प्राप्त होनेपर जो परिवर्तन मंजूर करनेको राजी हूँ, वे संक्षेपमें इस प्रकार हैं :[१]

(२०) प्रार्थी राहत महसूस करते हैं कि सम्राज्ञी सरकारने अबतक आयुक्तोंके सुझावोंको मंजूर नहीं किया है।

(२१) अनिवार्य वापसी या फिरसे इकरार करनेकी कल्पना जबसे शुरू हुई तभीसे वह कितनी अधिक अन्यायपूर्ण मालूम होती रही है, इसे और भी स्पष्ट करने के लिए प्रार्थी नेटालमें १८८५ में बैठे प्रवासी आयोगकी रिपोर्ट और उसके सामने ली गई गवाहियोंके उद्धरण देनेकी इजाजत चाहते हैं।

(२२) आयुक्तों में से एक श्री जे° आर° सांडर्सने अतिरिक्त रिपोर्टमें जोरोंके साथ अपने निम्नलिखित विचार प्रकट किये हैं :

यद्यपि आयोगने ऐसा कानून बनानेकी कोई सिफारिश नहीं की कि अगर भारतीय अपने गिरमिटकी अवधि पूरी होनेके बाद नया इकरार करने को तैयार न हों तो उन्हें भारत लौटनेके लिए बाध्य किया जाये, फिर भी मैं ऐसे किसी भी विचारकी जोरोंसे निन्दा करता हूँ। मेरा पक्का विश्वास है कि आज जो अनेक लोग इस योजनाकी हिमायत कर रहे हैं वे जब समझेंगे कि इसका अर्थ क्या होता है तब वे भी मेरे समान ही जोरोंसे इसे ठुकरा देंगे। भले ही भारतीयोंका आना रोक दीजिए और उसके फल भोगिए, परन्तु ऐसा कुछ करने की कोशिश मत कीजिए जो, में साबित कर सकता हूँ, भारी अन्याय है। यह इसके सिवा क्या है कि हम अपने अच्छे और बुरे दोनों तरहके नौकरोंका ज्यादासे ज्यादा लाभ उठा लें और जब उनकी अच्छीसे-अच्छी उम्र
 
  1. उपलब्ध अंग्रेजी प्रतिमें परिवर्तनोंका सारांश नहीं दिया गया है।