पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 1.pdf/३४

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पाठकोंको सूचना

इस खण्ड में कई स्मरणपत्र और प्रार्थनापत्र दिये जा रहे हैं। इनपर गांधीजीके हस्ताक्षर नहीं हैं, फिर भी इन्हें निःसन्देह गांधीजीने ही तैयार किया था। जिन बातोंके आधारपर इन्हें गांधीजी द्वारा लिखा गया माना है, उनका उल्लेख इस खण्डकी भूमिकामें थोड़े विस्तारसे कर दिया गया है। १९०३ में लिखे गये एक पत्रमें भी यह स्पष्ट कहा गया है कि १८९४-१९०१ के दरम्यान उपनिवेश कार्यालय के सामने जो प्रार्थनापत्र आदि प्रस्तुत किये गये थे, उनमें से अधिकतर गांधीजीके तैयार किये हुए थे। (देखिए खण्ड ३, पृष्ठ २९०)

अंग्रेजी और गुजरातीसे अनुवाद करते समय उसे यथासम्भव मूलके निकट रखनेका प्रयत्न किया गया है, किन्तु साथ ही भाषाको सुपाठ्य बनानेका भी पूरा ध्यान रखा गया है। जो अनुवाद हमें प्राप्त हो सके हैं, हमने मूलसे मिलान करके उनका उपयोग किया है। नामोंको सामान्य उच्चारणके अनुसार ही लिखनेकी नीतिका पालन किया गया है।

मूल सामग्री के बीच चौकोर कोष्ठकमें दिये गये अंश सम्पादकीय हैं। गांधीजीने किसी लेख, भाषण आदिका जो अंश मूल रूपमें उद्धृत किया वह हाशिया छोड़कर गहरी स्याहीमें छापा गया है। भाषणोंकी परोक्ष रिपोर्ट तथा वे शब्द जो गांधीजीके कहे हुए नहीं हैं, बिना हाशिया छोड़े गहरी स्याहीमें छापे गये हैं। भाषणों और भेंटकी रिपोर्टोंके उन अंशोंमें जो गांधीजीके नहीं हैं, कुछ परिवर्तन किया गया है और कहीं-कहीं कुछ छोड़ भी दिया गया है।

शीर्षककी लेखन-तिथि दायें कोने में ऊपर दी गई है; जहाँ वह उपलब्ध नहीं है वहाँ अनुमानसे निश्चित तिथि चौकोर कोष्ठकोंमें दी गई है और आवश्यक होनेपर उसका कारण स्पष्ट कर दिया गया है; जिन पत्रोंमें केवल मास या वर्षका उल्लेख है, उन्हें मास या वर्षके अन्तमें रखा गया है। शीर्षकके अन्तमें साधन-सूत्रके साथ दी गई तिथि प्रकाशन की है। गांधीजीके लेख, जहाँ उनकी लेखन-तिथि उपलब्ध है अथवा जहाँ किसी दृढ़ आधारपर उसका अनुमान किया जा सका है, वहाँ लेखन-तिथिके अनुसार, और जहाँ ऐसा सम्भव नहीं हुआ है वहाँ उनकी प्रकाशन-तिथिके अनुसार दिये गये हैं।

साधन-सूत्रोंमें एस° एन° संकेत साबरमती संग्रहालय, अहमदाबादमें उपलब्ध सामग्रीका सूचक है। इस सामग्रीकी फोटो-नकलें गांधी-स्मारक संग्रहालय, नई दिल्ली में भी उपलब्ध हैं।

१८९३ से १९१४ तक दक्षिण आफ्रिकामें गांधीजी द्वारा किये गये कार्यकी पृष्ठभूमि स्पष्ट करनेके लिए इस खण्डमें दक्षिण आफ्रिकाके वैधानिक तन्त्र सम्बन्धी एक टिप्पणी, दक्षिण आफ्रिकाका संक्षिप्त इतिवृत्त और नेटाल तथा दक्षिण आफ्रिकाका एक-एक मानचित्र दिया जा रहा है।

अन्त में इस कालकी तारीखवार घटनाएँ और साधन-सूत्रोंकी सूची दी गई है।

इस नये संस्करणका आकार बदलकर वैसा ही कर दिया गया है, जैसा कि तीसरे खण्डके बादके खण्डोंका है।