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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

केप प्रदेशके लोगोंके मताधिकारको घटानेकी वृत्तिवाला कोई भी कानून तभी बनाया जा सकेगा जब कि संघीय संसदके दोनों सदनोंकी संयुक्त बैठकमें वह दो-तिहाई बहुमत से स्वीकार किया जाये।

केप टाउन, जो १९०१ तक ब्रिटिश उच्चायुक्तका सदर मुकाम था, अब संघीय विधानमण्डलका केन्द्र-स्थान बन गया। दक्षिण आफ्रिकाकी सारी राजनीति तबतक ब्रिटिश उच्चायुक्तके आसपास ही केन्द्रित थी जबतक कि प्रभावकारी सत्ता १९१० में दक्षिण आफ्रिकी मन्त्रिमंडलके हाथोंमें नहीं आई।

नेटाल

नेटालने १८९३ में उत्तरदायी शासनका अधिकार प्राप्त किया। विधान परिषद द्वारा स्वीकृत और सम्राज्ञी-सरकार द्वारा अनुमोदित विधानमें एक द्विसदनीय विधान-मंडलकी व्यवस्था थी। ये दो सदन थे : १० वर्षके लिए नामजद ११ सदस्योंकी एक विधान परिषद, और ४ वर्षके लिए निर्वाचित ३७ सदस्योंकी एक विधान परिषद और ४ वर्षके लिए निर्वाचित ३७ सदस्योंकी एक विधानसभा। कार्यपालिकाका संगठन गवर्नर तथा एक मन्त्रिपरिषदको मिलाकर किया गया था। जहाँतक मताधिकारका सम्बन्ध था, १८९६ में मताधिकार अपहरण अधिनियम तथा प्रवासी अधिनियम स्वीकार कराने की जिम्मेदारी नेटालके प्रथम प्रधानमन्त्री सर जॉन रॉबिन्सनकी थी। पहले कानूनसे एशियाइयोंका मताधिकार छिन गया और दूसरेके द्वारा उपनिवेशमें स्वतन्त्र भारतीयोंका प्रवेश लगभग वर्जित कर दिया गया। १९०६ में नेटाल सरकारने अनेक वतनी लोगोंको प्राण-दण्ड देनेका एक आदेश निकाला, जिसे सम्राट् सरकारने रोक दिया। इससे एक वैधानिक संकट उत्पन्न हो गया और नेटालके मन्त्रिमण्डलने विरोध में त्यागपत्र दे दिया। परन्तु, बादमें उपनिवेश मन्त्रीके यह आश्वासन देनेपर कि सम्राट् सरकारका उत्तरदायी औपनिवेशिक शासन में हस्तक्षेप करनेका कोई इरादा नहीं है, मन्त्रिमण्डलने फिरसे कार्य सँभाल लिया।

ऑरेंज रिवर उपनिवेश

ऑरेंज रिवर उपनिवेश सन् १८९० तक अपना शासन 'रस्टेनबर्ग ग्रोंडवेट' या १८५८-६० के विधानके आधारपर चलाता रहा। इस विधानमें एक निर्वाचित अध्यक्ष और एक कार्यपालिका परिषदकी व्यवस्था थी। परिषद के कुछ सदस्योंकी नियुक्ति अध्यक्ष और कुछकी 'फोक्सराड' — राष्ट्रीय विधानसभा द्वारा की जाती थी। स्वयं 'फोक्सराङ' वयस्क मताधिकारके आधारपर निर्वाचित की जाती थी। प्रधान सेनापति परिषदका एक विशिष्ट सदस्य होता था। जिस विधानके द्वारा लोक-प्रभुत्वकी स्थापना हुई उसमें घोषणा की गई थी कि उपनिवेश गोरे और गैर-गोरे लोगोंके बीच समानताका इच्छुक नहीं है। यह समानता न तो गिरजे में इष्ट है, न राज्यमें। ब्लूमफॉन्टीनकी सन्धिने सन् १८९७ और उसके बादके दो वर्षोंमें ऑरेंज रिवर उपनिवेश तथा ट्रान्सवालके बीच अधिक घनिष्ठ सम्बन्ध स्थापित कर दिया। ब्लूमफॉन्टीन और प्रिटोरियामें दोनों देशोंके प्रतिनिधियोंकी संयुक्त परिषदकी