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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

शीतकालमें जब हम पौष्टिक पाक आदिका सेवन किया करते हैं, उन्हें दूध तथा अन्य अनेक वस्तुओंके साथ पकाकर आधी छटाँक रोज खाते हैं।

अन्तमें, कवची मेवोंका स्थान वही है जो इंग्लैंडमें मिठाइयोंका है। बच्चे चीनीमें पगे कवची मेवे खूब खाते हैं। फलाहारके दिनोंमें भी उनका उपयोग बड़ी मात्रामें किया जाता है। हम उन्हें घीमें तलते हैं और दूधमें उबालते हैं। बादामको दिमागके लिए बहुत अच्छा माना जाता है। नारियलका उपयोग हम जिन विविध तरीकोंसे करते हैं उनमें से एकका उल्लेख-मात्र मैं कर दूं। नारियलकी गरीको पहले बारीक कसा जाता है, फिर उसमें घी और शक्कर मिलाई जाती है। उसका स्वाद बहुत बढ़िया होता है । आशा है, आपमें से कुछ लोग अपने घरोंमें नारियलके मीठे लड्डू कहलानेवाली इस वस्तुका स्वाद चख कर देखेंगे। महिलाओ और सज्जनो, यह है भारतके आहारोंकी एक रूपरेखा- एक नितान्त अपूर्ण रूपरेखा । आशा है, आपको उनके बारेमें ज्यादा जानकारी हासिल करनेकी प्रेरणा होगी। और मुझे निश्चय है, उससे आप लाभान्वित होंगे। अन्तमें, मैं यह भी आशा करता हूँ कि एक समय ऐसा आयेगा जब इंग्लैंडकी मांसाहारकी आदतों और भारतकी अन्नाहारकी आदतोंका भारी भेद मिट जायेगा। और उसके साथ ही कुछ दूसरे भेद भी मिट जायेंगे, जो कहीं-कहीं उस एकता तथा सहानुभूतिमें बाधा डालते रहते हैं, जो दोनों देशोंके बीच रहनी चाहिए। मुझे आशा है, भविष्यमें हम प्रार्थनाओंकी और हृदयोंकी भी एकता स्थापित करनेकी वृत्ति रखेंगे।

[अंग्रेजीसे]

वेजिटेरियन मेसेंजर, १-६-१८९१

१७. भाषण : बैंड ऑफ मर्सी, लंदनके समक्ष

अपर नारवुड
 
[६ जून, १८९१ से पूर्व ]
 

जैसा कि पहलेसे प्रबंध कर लिया गया था, कुमारी सोकोम्बके सौजन्यसे..श्रीमती मैकडुअल ... बैंड ऑफ मर्सीके' सदस्योंके सम्मुख भाषण देनेवाली थीं। परन्तु उनके बीमार हो जाने के कारण श्री गांधी (भारतके एक हिन्दू) से बिनती की गई और उन्होंने कृपापूर्वक भाषण देना मंजूर कर लिया। श्री गांधी कोई पन्द्रह मिनटतक दया-धर्मके दृष्टिबिन्दुसे अन्नाहार-पद्धतिपर बोले। उन्होंने इस बातका आग्रह किया कि बैंड ऑफ मौके सदस्यों के लिए युक्तिसंगत तो यही है कि वे अन्नाहारी बन जायें। उन्होंने अपना भाषण शेक्सपियरका एक वचन पढ़कर समाप्त किया।

[अंग्रेजीसे]

वेजिटेरियन,६-६-१८९१

१.पशुओंके प्रति क्रूरता निवारण करनेवाला संघ ।