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जोहानिसबर्गकी चिट्ठी

सर्वश्री रामबिहारी, राजकुमार, प्रागजी देसाई, बरजोरसिंह और कुमारी स्वामी पडियाची सोमवारको फार्ममें रहने के लिए आ गये हैं। वे गिरफ्तार होने तक फार्मपर रहेंगे ।

फार्ममें बहुत-सी चीजोंकी जरूरत पड़ती है। जब बच्चे आयेंगे तब और ज्यादा जरूरत होगी। जो लोग जेल जाकर संघर्षमें भाग नहीं लेते, वे दूसरी तरहसे मदद कर सकते हैं। फार्ममें रहनेका उद्देश्य खर्चमें कमी करना है; और जो वहाँ आयें उन्हें शिक्षा भी लेनी है। यदि जेल न जानेवाले लोग थोड़ी-थोड़ी भी सहायता दें तो खर्चमें बहुत कमी हो सकती है। व्यापारी मुफ्त या कम दाममें चीजें दे सकते हैं। फल और शाक बेचनेवाले समय-समयपर ये चीजें भेज सकते हैं। यदि वे थोड़ी-थोड़ी चीजें भेजते रहें तो उन्हें अखरेगा नहीं और संघर्ष में सहज ही सहायता मिल जायेगी । कुछ फल-विक्रेताओंने इस तरहकी मदद देना स्वीकार किया है। इस समय फार्म में मुख्य आवश्यकता इन चीजोंकी है :

कम्बल या गद्दे,
लकड़ीके तख्त,
मिट्टीके तेलके खाली टिन,
साफ बोरियाँ या टाट या कनात,
कोई भी औजार जैसे कुदाली, फावड़ा, सुई-धागा आदि ।
किसी भी प्रकारका मोटा कपड़ा,
पाठशालामें पढ़ाई जानेवाली पुस्तकें,
फल और शाक-सब्जी,
रसोईके बर्तन,
सब तरहका अनाज

यह तो जल्दीमें सूझी हुई चीजोंकी सूची है। इसी तरहकी काममें आनेवाली और बहुत-सी चीजें हैं। केवल दिलचस्पी और हमदर्दी हो तो बहुत-से भारतीय इन्हें आसानीसे भेज सकते हैं। फार्मके लिए सामान इस पतेसे भेजें:

श्री गांधी, टॉल्स्टॉय फार्म, लॉली, ट्रान्सवाल ।

फार्मको देखनेके लिए गत रविवारको श्री मेमी और श्री बी० पी० इब्राहीम आये थे ।

सोशलिस्ट सोसाइटीमें श्री गांधी भाषण

इस सोसाइटीके आमन्त्रणसे श्री गांधीने गत रविवारको सोसाइटीके हालमें भाषण दिया था। सभा नगर कौंसिलके सदस्य श्री क्राफर्डके प्रस्तावपर बुलाई गई थी । भाषणमें आधुनिक सभ्यता और प्राचीन सभ्यताकी तुलना की गई थी । हाल गोरोंसे खचाखच भरा था। कुछ भारतीय भी आये थे । भाषणका' सार 'डेली मेल' में छपा १. देखिए " भाषण : सोशलिस्ट हालमें ", पृष्ठ २९८-९९ ।