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२३९. पत्र : मगनलाल गांधीको

आषाढ़ वदी ३ [ जुलाई २५, १९१०]

चि० मगनलाल,

तुम सीधे फार्मके पतेपर जो पत्र लिखते हो वह मुझे जल्दी मिल जाता है। जेलके कष्टों और जहाजके कष्टोंकी कोई तुलना नहीं है। परन्तु हे दोनोंकी तुलना करते हैं और यदि हम उन्हें तुलनाके लिए अपनी तरफसे कोई अवसर देते हैं तो यह हमारे लिए शर्मकी बात । ठक्करके कहनेका यही मतलब है, मुझे ऐसा लगा है और इसके अनुसार मुझे वह टीका उचित जान पड़ी है। तुम उसपर फिर विचार करना ।

छगनलालका पत्र भेज रहा हूँ। उसे मेरे पास वापस भेजनेकी आवश्यकता नहीं है; क्योंकि मैंने उसका उपयोग कर लिया है। चंचीको धनजीके साथ भेजा जा सके तो बहुत ठीक होगा । मुझे उस समय अपने आ सकनेकी उम्मीद नहीं है।

सन्तोकके लड़की हुई है, इसलिए वह झगड़ा अब खत्म हुआ। पोप-रचित [तमिल ] व्याकरणके ऊपर छपा है "करका कसडर कर्पवै। इसपर विचार करना। अपनी पत्नीके प्रति वासनाको वशमें करना सबसे कठिन काम है। तुम्हारी प्रवृत्ति उस ओर है, इसलिए तुम पार उतरोगे ही। प्रयत्न करते ही रहना । उसमें सफलताके लिए अनुकूल स्थितियाँ उत्पन्न करना। इस प्रकार आसानीसे पार उतर जाओगे। इस सम्बन्धमें मेरे संकल्प करनेके बाद प्रयत्न करते रहनेपर भी रामदास और देवदास हुए। मेरी प्रारम्भिक असफलतासे तुममें हिम्मत आनी चाहिए । कवियोंने भी पुरुषको सिंहकी उपमा दी है। इंद्रियरूपी वनका राजा बनकर रहनेकी सामर्थ्य हम सबमें है। बराबर चिन्तन करनेसे वह उभर आयेगी ।

वहाँ अगर किसीके पास ज्यादा सब्जी हो तो पार्सलसे यहाँ भेजना। भाड़ा यहाँ चुकानेके लिए छोड़ देना । यहाँ काशीफल, मिर्चे आदि सभी काममें आती हैं। डर्बन और वेरुलमके साग-भाजीवालोंको चेता सको तो चेताना । वे समय-समयपर सागकी पार्सलें भेजेंगे तो उतना पैसा यहाँ बच जायेगा । यहाँके अनेक अनुभव जानने योग्य हैं; लेकिन लिखनेका समय नहीं है।

मोहनदासके आशीर्वाद

१ और २. देखिए “ पत्र : मगनलाल गांधीको ", पाद-टिप्पणी १ तथा २, पृष्ठ ३११ ।

३. चंचल ।

४. यह मूलमें तमिल-लिपिमें है । इसका अर्थ है उसपर अमल करो]।" C "जो कुछ पढ़ो, भली-भाँति पदो । [ पढ़नेके बाद Gandhi Henortal i 13704