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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

[पुनश्च : ] श्री कैलेनबैकका कहना है कि पौधे कनस्तरोंमें न भेजे जायें, बोरियोंमें भेजे जायें तो फिलहाल काम चल जायेगा। अगर पौधे आने हैं तो अभी आने चाहिए। न आयें तो चिन्ता नहीं। परन्तु स्थिति जान लेनी चाहिए।

‘सेप्टिक टेंकों' के सम्बन्धमें सारी रिपोर्ट डॉक्टर मेहताको भेजी है। इस सम्बन्ध में मेरी रायमें वेस्ट और कॉडिस जो-कुछ कहें उसे उचित मान लेना ठीक है। फिर अगर मैं उस समय वहाँ हुआ, और कुछ रद्दोबदल करना पड़ा, तो कर लेंगे।

बा का यहाँ आना निश्चित हो तो यह याद रखना कि लॉली तक का तीसरे दर्जेका टिकट लेना है। पार्क स्टेशन और लॉली, दोनोंका किराया एक ही है।

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल गुजराती प्रति (सी० डब्ल्यू० ४९३२ ) से ।

सौजन्य : राधाबेन चौधरी ।

२४०. तार : द० आ० ब्रि० भा० समितिको

जोहानिसबर्ग
जुलाई २८, १९१०

रायप्पन और अन्य लोग नेटालको निर्वासित । फिर लौटे। तीन महीनेकी सख्त कैद मिली । अब सरकार अवयस्कोंको वयस्क होनेपर पंजीयनसे इनकार करके निषिद्ध प्रवासी बनानेके लिए प्रयत्नशील । इससे सनसनी |

ट्रान्सवाल ब्रिटिश भारतीय संघ

कलोनियल ऑफिस रेकर्ड्सकी टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (सी० ओ० ५५१/७) से।

२४१. पत्र: मगनलाल गांधीको

आषाढ़ वदी ६ [जुलाई २८, १९१० ]

चि० मगनलाल,

तुम्हारा पत्र मिला । चि० छगनलालकी हालत मैं समझ सकता हूँ। मेरी मन:- स्थिति इस समय अधिक लिखनेकी नहीं है, नहीं तो मैं जेफरीज़ और जॉनसनके बीच हुई घूंसेबाजीके सम्बन्धमें बहुत कुछ लिखना चाहता था। गुजरातीमें उसका केवल एक अंश ही छपा है। १. देखिए “एक और विश्वासघात ", पृष्ठ ३१९-२० । २. इस पत्र में उल्लिखित घूँसेवाजीका यह मैच रेनो (संयुक्त राज्य अमेरिका) में ४ जुलाई १९१० को हुआ था। उस वर्षमें आषाढ़ वदी ६, जुलाई २८ की पड़ती है । ३. देखिए " असभ्य कौन ", पृष्ठ ३१५-१६ ।