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पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 11.pdf/३७१

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भाषण: किम्बर्लेमें गोखलेको दिये गये भोजके अवसरपर ३३५ प्रेमको अक्षुण्ण रखते हुए मानव-जाति और साथ ही उनके उस साम्राज्यके प्रति, जिसके वे अत्यन्त प्रमुख नागरिक हैं, प्रेमको बड़ी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि में उन्हें एक राजनीतिक सम्पदा मानता हूँ। उन्होंने फर्ग्युसन कॉलेजके लिए और शिक्षाके निमित्त श्री गोखलेकी सेवाओं और उनके त्यागोंका प्रशंसापूर्ण शब्दों में उल्लेख किया । उन्होंने गौरव प्रदर्शित करते हुए कहा कि यदि श्री गोखले अंग्रेज होते तो उन्हें वही पद मिला होता जो इस समय श्री ऐस्क्विथको प्राप्त है और यदि कहीं फ्रांस में उत्पन्न हुए होते तो वे फ्रांसीसी गणतन्त्र के अध्यक्ष होते। उन्होंने यह आशा प्रकट की कि उनके इस कार्यके परिणामस्वरूप दक्षिण आफ्रिका-निवासी यूरोपीयों और भारतीयों में सद्भाव बढ़ेगा। उन्होंने अपने देशवासियोंको चेतावनी देते हुए कहा कि हम श्री गोखलेकी यात्रासे झूठी आशाएँ और अपेक्षाएँ न रखें। श्री गोखले हमारे बीच आये हैं, किन्तु केवल इसीसे भारतीय समाजमें सुख-समृद्धिका युग प्रारम्भ न हो जायेगा और न हम यही आशा करते हैं कि उनकी समस्त निर्योग्यताएँ छूमन्तर हो जायेंगी । फिर भी उनके आगमनसे सद्भाव बढ़ सकता है, और हम एक-दूसरे को अधिक अच्छी तरह समझने लग सकते हैं। उससे उस बड़ी समस्याके हलकी सम्भावना भी बढ़ जायेगी जो दक्षिण आफ्रिकाके ही सम्मुख नहीं, बल्कि समस्त साम्राज्य के सम्मुख उपस्थित है । उपाय तो मुख्यतः भारतीयोंके ही हाथों में है। (तालियाँ) । [ अंग्रेजीसे ] डायमंड फील्ड्स ऐडवर्टाइज़र, २६-१०-१९१२ २८७. भाषण : किम्बर्लेमें गोखलेको दिये गये भोजके अवसरपर ' [ अक्तूबर २६, १९१२] श्री गांधीके खड़े होते ही लोगों में हर्ष की लहर दौड़ गई। उन्होंने कहा कि श्री ऑलिवर हमसे मिलने आये थे और उन्होंने विनोदमें कहा था कि श्री गोखले अपने साथ वर्षा लेकर आये हैं, जिसके लिए किम्बर्लेका तृषित प्रदेश इतना तरस रहा था । यदि उनका कहना सही है तब तो हमारा इस शामके अपने मेहमान के सम्मान में शुभकामनाका आपानक लेना बहुत ही उपयुक्त है । आशा है कि वर्षा मेरे निवास स्थान, जोहानिसबर्ग तक ही नहीं बल्कि संघ-भर में पहुँची होगी। उन्होंने १. सम्मान-भोज किम्बर्लेके भारतीयोंने दिया था और बेकन्सफील्डके मेयर टी० प्रैटलेने उसकी अध्यक्षता की थी। वक्ताओं में किम्बलके मेयर डब्ल्यू० गैसों, कैलेनबेक, काछलिया और श्री गोखले थे । “स्थानीय इतिहास में यह पहला ही अवसर है जब यूरोपीय और भारतीय एक ही भोजमें शामिल हुए हैं ...।” २. मूलमें "ड्रिन्क द टोस्ट ऑफ द गेस्ट ऑफ द इवनिंग" । Gandhi Heritage Porta