३८४ व्यासको वेस्ट के लिए दिये सम्पूर्ण गांधी वाङमय व्यासके लिए अगले वर्षके व्याजके रूपमें पी० सी० नोटके अनुसार प्राप्त ०. १७. ° ०. १७. ० यहाँ दी गई रकम रोकड़में दर्ज नहीं की गई, क्योंकि १ मईको प्राप्त १ पौंड भी दर्ज नहीं किया गया था । मई १२, रविवार श्लेसिन, श्रीमती नायडू और उनकी बहन आईं और गईं। जमनादास, शिवपूजन और कुप्पू लौटे । वेस्ट, मणिलाल, यशवन्त सदाशिव, लजारस, अब्दुल करीम झवेरी, वेलशी, दाउद मुहम्मदको पत्र लिखे । [ पत्र - ] सम्पादक, मणिलाल शहर गये और लौट आये । डाक टिकटोंके दिये मई १३, सोमवार डॉक्टर, आनन्दलाल, छगनलाल, प्राणजीवनको । कै० 0. २. ० मई १४, मंगलवार [ पत्र - ] वेस्ट, इस्माइल गोरा, उमर झवेरी, मूसा हाजी आदम और प्रागजीको । जॉनसे प्राप्त मणिलालको तारका डाक टिकट रोकड़ बाकी °. 0. ९ ०. १. ३ °. ०. ९ ७. ५. ४ मई १५, बुधवार कै० और मैं पैदल शहर गये । काछलिया आदिके साथ चन्दा करनेके लिए निकले । गॉर्डनके घर सोये । मई १६, गुरुवार प्रातः काल श्लेसिन और गॉर्डनके साथ पैदल लौटे । दानो आया । कै०के कुछ मित्र आये और गये । गॉर्डन और श्लेसिन भी गये । मई १७, शुक्रवार, ज्येष्ठ सुट्टी १ दिनमें एक भी पत्र नहीं लिखा । प्रातःकालका सारा समय रसोई-घरमें गया । मई १८, शनिवार हनीफ, मैं और देवदास पैदल शहर गये । चन्दा इकट्ठा करनेमें लगे रहे। गॉर्डनके घर सोये। कोटवालको पत्र लिखा । हनीफको दिये देवदास ०. २. ६ 0. 0. ६ Gandhi Heritage Porta
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