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१५. तार : जोहानिसबर्ग कार्यालयको

गांधी
जोहानिसबर्ग

केप टाउन
अप्रैल ७, १९११


क्रिश्चियन बोथाने इस आशयका संशोधन रखा है कि विधेयककी किसी घारासे ऑरेजिया[१] कानूनके अध्याय ३३ का कोई खण्ड रद न होगा। इससे वैकल्पिक समाधानकी[२] स्वीकृति सम्भव दिखती है।

गांधी

मूल अंग्रेजी तारकी प्रति (एस० एन० ५४३५) की फोटो-नकलसे।

१६. पत्र: ई० एफ० सी० लेनको

७, बिटेनसिंगल [स्ट्रीट]
केप टाउन
अप्रैल ८, १९११

प्रिय श्री लेन,

मुझे अब अपने डर्बन[३] और जोहानिसबर्गको[४] दिये गये तारोंके उत्तर मिल गये हैं। डर्बनसे कांग्रेस द्वारा भेजे गये तारमें कहा गया है:

यदि विधेयक वापस ले लिया गया है और कानून बदल दिया गया है तो धन्यवाद स्वीकार करें। समझौता कर लें। नेटालके भारतीय पूर्णतः सन्तुष्ट है।

केपके भारतीय पहले ही वैकल्पिक समझौतेका सुझाव दे चुके हैं। जोहानिसबर्गसे .ब्रिटिश भारतीय संघके तारमें कहा गया है :

आयका तार मिला। विचार किया गया। हम मानते हैं कि कुछ शिक्षित एशियाइयोंके प्रवेशके अधिकारको व्यवस्था भी की गई होगी; उस हालतमें समझौतेसे पूर्ण सहमति है। सब बातें तय होने के पहले रवाना न हों।

काछलिया-अध्यक्ष।

  1. ऑरेंज फ्री स्टेट
  2. देखिए, “पत्र: ई०एफ० सी०लेनको", पृष्ठ ९-१० ।
  3. यह उपलब्ध नहीं है।
  4. देखिए " तार : जोहानिसबर्ग कार्यालयको", पृष्ठ १३