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सम्पूर्ण गांधी वाङमय


कुमारी श्लेसिनसे कहो कि वह मुझे डॉ० मेहताको पाण्डुलिपि भेज दे। वे कहते है कि उन्होंने कोई भाषण आदि भेजा है। मैं चाहता हूँ कि वह यहाँ मिल जाये। मुझे फिनॉट की 'रेस प्रेज्यूडिस' नामक पुस्तककी भी आवश्यकता है। मेरा खयाल है कि वह पुस्तक पोलककी पुस्तकोंमें है। मुझे वह कैनन आलमेटके लिए अभी चाहिए। वे यहाँ है; किन्तु जल्दी ही इंग्लैंड जा रहे हैं।

हैरॉल्डका स्वास्थ्य कैसा है ? यहाँ मौसम अत्यन्त कष्टप्रद है। तुम्हारे भोजन बनाने आदिकी क्या व्यवस्था है?

हृदयसे तुम्हारा,
मो० क० गांधी

[पुनश्चः]

कुमारी श्लेसिनसे साथका पत्र प्रिटोरियाके श्री बर्नेटको भेज देने के लिए कह दो; उनका पता उसे मालूम है या वह मालूम कर लेगी। वह उनको लिख दे कि पत्र भूलसे इंग्लैंड चला गया था और वहाँसे अभी लौटा है। यह भी लिख दिया जाये कि मैं अवकाश मिलते ही उनको कुछ-न-कुछ भेजनेकी पूरी कोशिश करूँगा।

मो० क० गांधी

[पुनश्चः]

शुक्रवार और शनिवारको मैं तार नहीं दे रहा हूँ, क्योंकि इन दिनोंकी छुट्टी रहेगी।

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ५४५८) की फोटो-नकलसे ।