५८० सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय किया है, और प्रवेशकर्ताओंकी सूचीमें स्थान प्राप्त करनेके लिए जो भी प्रार्थनापत्र आयेंगे, सबपर ध्यान- पूर्वक किया विचार जायेगा । लेकिन यह बिल्कुल स्पष्ट है कि जबतक कोई निश्चित व्यवस्था - • उदाहरणार्थं, हर उचित मामलेमें भारत सरकार सिफारिश करे, अथवा वास्तवमें प्रवेशार्थियोंका चुनाव ही वही करे- नहीं कर दी जाती तबतक इन विभिन्न संस्थाओं द्वारा पेश किये जानेवाले परस्पर-विरोधी दावोंके बीच सामंजस्य स्थापित करना बहुत कठिन होगा; और यह तो तय ही है कि ऐसे दावे पेश किये जायेंगे । आपके हालके पत्रमें उल्लिखित दूसरे मुद्देके सम्बन्धमें, में यह बता दूँ कि नया प्रवासी विधेयक इसी सप्ताह प्रकाशित किया जा रहा है । खण्ड २५ (१) में किसी भी व्यक्तिको खण्ड ४ ( जिसमें उन लोगोंकी परिभाषा की गई है, जिन्हें निषिद्ध प्रवासी माना जा सकता है) से बरी करनेकी सत्ता शामिल कर ली गई है । अतः जिन ब्रिटिश भारतीयोंके नाम प्रवेशकर्ताओंकी वार्षिक सूचीमें शामिल कर लिये जायेंगे वे उस प्रान्तकी हद तक, जिसमें रहनेका उन्हें अधिकार है, खण्ड ४ की शर्तोंसे मुक्त रहेंगे । मूल अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ५७५०) की फोटो नकलसे । आपका आज्ञाकारी सेवक ई० एम० गॉर्जेस गृह-सचिव Gandhi Heritage Portal
पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 11.pdf/६१८
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