पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 11.pdf/९१

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जनरल स्मट्स द्वारा दिये गये वादोंके पूरा होने की शोंके साथ स्वीकार किया जाये। सुझावकी भाषा कुछ अनगढ़-सी थी, लेकिन उससे सभाम उपस्थित लोगोंकी भावना समुचित रूपसे प्रकट होती थी। श्री शेलतने उसका अनुमोदन किया। इसके विरोध एक अन्य सुझाव और पेश किया गया, जिसमें कहा गया था कि प्रस्ताव तबतक स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए जबतक सरकार अपने उद्देश्योंको व्यावहारिक रूप नहीं दे देती। मल प्रस्तावके विरोधमें सिर्फ पाँच मत आये, और इस प्रकार वह पास हो गया।

इस सभामें यह निर्णय भी किया गया कि सर्वश्री काछलिया और गांधीको एक सार्वजनिक शिष्टमण्डलके रूपमें इंग्लैंड भेजनेका प्रस्ताव वापस ले लिया जाय और तदर्थ एकत्रित चन्देका उपयोग श्री पोलकको इंग्लैंड भेजनेके लिए किया जाये । इस तरह वे श्रीमती पोलकसे भी मिल लेंगे और सम्मेलनके दौरान तथा उसके बाद जो-कुछ सार्वजनिक कार्य करना आवश्यक होगा उसे भी करते रहेंगे। अभी जो कार्यक्रम निश्चित हुआ है, उसके अनुसार श्री पोलक अक्तूबर माहके मध्यमें श्रीमती पोलकके साथ भारतके लिए प्रस्थान करेंगे। वहाँ वे दिसम्बरमें राष्ट्रीय कांग्रेसकी सभामें शामिल होंगे और फिर उस विधेयकके पास होने तक वहीं रहेंगे, जो जनरल स्मट्सके पिछली २२ तारीखके पत्रके अनुसार संघ-संसदके आगामी अधिवेशनमें पेश किया जानेवाला है। सभाके समर्थनमें क्लार्क्सडॉर्प तथा पीटर्सबर्गसे तार प्राप्त हुए। सभामें जमिस्टन, बॉक्सबर्ग, हाइडेलबर्ग आदि स्थानोंके प्रतिनिधि भी शामिल थे ।

चीनियोंने भी सभाएं की हैं, और श्री गांधीसे अपने समाजकी कुछ कठिनाइयोंकी ओर ध्यान देनेका अनुरोध करते हुए प्रस्ताव पास करके प्रस्तावित समझौतेको स्वीकार किया है। चीनियोंकी हद तक एक बहुत ही सन्तोषजनक परिणाम निकला है। सन् १९०८के मध्यमें संघर्षके पुनः आरम्भ होनेपर वे दुर्भाग्यवश दो दलोंमें विभक्त हो गये थे। अब ये दल समाप्त हो गये हैं।

इस समय श्री गांधीकी जनरल स्मट्ससे और भी लिखा-पढ़ी चल रही है और सम्भव है, वह इस सप्ताहमें पूरी हो जाये ।

श्री पोलक पिछले शनिवारको शामको पहुँचे। श्री काछलिया तथा समाजके अन्य सदस्योंने उनकी अगवानी की; पिछले सोमवारको वे 'इम्पीरियल मेल' से लन्दन रवाना हो गये। उन्हें कोई सौ भारतीय तथा चीनियोंने विदाई दी। इनमें सर्वश्री कैलेनबैक, रिच, आइज़क, वॉन वीनेन तथा कुमारी श्लेसिन भी शामिल थे। श्री काछलियाने उन्हें माला पहनाई और अन्य अनेक लोगोंने गुलदस्ते भेंट किये। उनपर पुष्पवृष्टि भी की गई और जव गाड़ी छूटनेको थी तब श्री कैमेने चन्द चुने हुए शब्दोंमें श्री पोलककी महान् सेवाओंके लिए उन्हें धन्यवाद दिया और यह शुभ-कामना की कि अपनी पत्नी और परिवारके साथ उनका समय सुखसे बीते। उन्होंने यह आशा