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सम्पूर्ण गांधी वाङ् मय

और तामीलमें लीखेली रसीद याने पहोंच बीना कोइकु पैसा देना नहि। उसमें सही बाबु एम. के. गांधी और जो बाबु पैसा लेनेकु जायगा उस्को होना चाहीए.

दादा अबदुलाकी कंपनी एम॰ राय
महमद कासम कमरूदीन सुलेमान दाउजी
आजम गुलाम हुसेन सैयद महमद
पारसी रूस्तमजी मोगरारीया
रेव॰ सोमन वेदमुटु जोसफ रोयोपन
मुसा हाजी कासम एम॰ ई॰ काथराष्टु
पी॰ दावजी महमद बी॰ लोरेन्स
ए॰ सी॰ पीले ए॰ जोस्युआ
आदमजी मीयाखान जी॰ गोड
हाजी अबदुला जे॰ डन
दाउद महमद गैब्रील ब्रधर्स
उसमान अहमद पीरन महमद
हुसन कासम हासम सुमार
मुसा हाजी आदम एम॰ के॰ गांधी

अपीलकी नकल (एस॰ एन॰ ३४७६) से।

 

२९. पत्र : जे॰ बी॰ रॉबिन्सनको[१]

वेस्ट स्ट्रीट, डर्बन
४ फरवरी, १८९७

जे॰ बी॰ रॉबिन्सन महोदय
जोहानिसबर्ग
श्रीमन्,

हम, नेटालवासी भारतीय समाजके प्रतिनिधियोंकी हैसियतसे, आपको जोहानिस-बर्गके ब्रिटिश समाजका एक नेता मानकर, आपकी सेवामें आदरपूर्वक उपस्थित हो रहे हैं। हम जिस विषयमें निवेदन करना चाहते हैं उसे, हमारा दृढ़ विश्वास है, आपकी पूरी सहानुभूति और समर्थन प्राप्त है।

भारतके वर्तमान अकालने पिछले सब अकालोंको मात दे दी है और भुखमरी तथा उससे पैदा होनेवाली बुराइयोंके कारण जनता जिस भयानक स्थितिमें पड़ गई

  1. इस पत्रपर इसके पहले दी हुई अपीलमें निर्दिष्ट समिति के सदस्योंने हस्ताक्षर किये थी।