पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 2.pdf/१८१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१५९
प्रर्थनापत्र : उपनिवेश-मंत्रीको

कि जितने भी आदमी उतारे जाने हैं उन सबको बन्दरगाहकी टेकरी (ब्लफ)[१] पर संगरोधमें रखने की इजाजत दे दूं। इसका खर्च जहाजोंके जिम्मे होगा। जब यह प्रबन्ध हो जायेगा तब, मेरी हिदायतोंपर अमल करने के बाद, जहाजोंको यात्री उतारनेका अनुमतिपत्र दिया जा सकेगा (परिशिष्ट ट)।

आपके प्रार्थी आपका ध्यान सादर इस बातकी ओर खींचना चाहते हैं कि स्वास्थ्य-अधिकारीने इस पत्रमें भी यह नहीं लिखा कि उसकी हिदायतें हैं क्या। २५ दिसम्बरको मालिकोंके सॉलिसिटरोंने स्थानापन्न स्वास्थ्य-अधिकारीको फिर लिखा कि आप हमारे २४ दिसम्बरके पत्रमें पूछे गये प्रश्नका उत्तर देनेकी कृपा करें (परिशिष्ट ठ)। स्वास्थ्य-अधिकारीने उसी दिन जवाब दिया कि मैंने जो शर्ते लगाई हैं उन्हें पूरा किये बिना मैं जहाजोंको यात्री उतारने की इजाजत देना सुरक्षित नहीं समझता (परिशिष्ट ड)। मालिकोंके सॉलिसिटरोंने उसी दिन फिर लिखा कि हमें आश्चर्य है कि आपके पत्रमें हमारे प्रश्नका उत्तर अब भी नहीं दिया गया, वह उत्तर देनेकी और यह ठीक-ठीक बतलाने की कृपा करें कि आप जहाजोंको यात्री उतारने की इजाजत किन शतोंपर दे सकते हैं (परिशिष्ट ढ)। इसका उत्तर स्वास्थ्य-अधिकारीने २६ दिसम्बरको निम्न शब्दोंमें दिया :

यदि यात्रियोंको संगरोधनके मकानोंमें उतारजंना स्वीकृत न हो तो जहाजोंको यात्री उतारने की इजाजत तभी दी जा सकती है जबकि उनको धुआँ दिये और प्रत्येक जहाजके कप्तानको कपड़ोंके विषयमें मेरे द्वारा दी गई हिदायतोंके अनुसार एहतियाती कार्रवाई किये हुए, अर्थात् उन्हें धोये व शोधित किये और फालतू चिथड़ों, पट्टियों, थैलों आदिको जलाये हुए, १२ दिन बीत जायें। यदि मालिक संगरोधनका खर्च उठाने को तैयार हों तो यात्रियोंको उतारने से पहले धूनी देने आदिको एहतियाती कार्रवाइयाँ ऊपर लिखे अनुसार कर देनी चाहिए, और तब जहाजोंके लिए यहाँसे जानेकी सहूलियत कर दी जायेगी। परन्तु तटके साथ सम्पर्क उचित प्रतिबन्धोंके बिना नहीं किया जा सकेगा। यदि आप चाहते हों कि जहाज यहाँसे चले जायें तो उसका सबसे सुगम उपाय यही है कि मालिक, जहाजको धूनी लगा लेने आदिके पश्चात् १२ दिन तक, और यदि आवश्यकता हो तो अधिक समयतक यात्रियोंको टेकरी के संगरोधक-घरोंमें रखने का खर्च उठाने के लिए तैयार हो जायें (परिशिष्ट ण)।

इसका उत्तर मालिकोंके सॉलिसिटरोंने उसी दिन दे दिया और उक्त अधिकारीका ध्यान, डॉ॰ प्रिन्स तथा डॉ॰ हैरिसन द्वारा दिये हुए ऊपर निर्दिष्ट प्रमाणपत्रोंकी ओर खींचकर, उस के द्वारा लगाई हुई शर्तोंके विरुद्ध प्रतिवाद किया। उन्होंने यह शिकायत भी की कि यद्यपि जहाजोंको यहाँ आये आठसे अधिक दिन बीत चुके

  1. यह टर्बन बन्दरगाहके पास झाड़ियों से छाई हुई एक टेकरी है, जिससे खाड़ीका दृश्य सुहावना दिखाई पड़ता है, यहाँ यात्रीयोंको संगरोधन में रखने के लिए घरों की व्यवस्था है। देखिए पृ॰ २३०‌।