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सम्पूर्ण गांधी वाङ् मय

जाता, यदि जनताके मनपर उनका असर न पड़ा होता। कप्तान स्पार्क्सने इस सभाके प्रस्ताव सरकारके पास तार द्वारा भेजे और सरकारने जवाबमें उसे निम्न तार दिया :

जवाबमें मैं बतलाना चाहता हूँ कि इस समय सरकारको, सम्राज्ञीकी प्रजाके किसी भी वर्गको उपनिवेशमें उतरने से रोकनेका, उसके अलावा और कोई अधिकार नहीं है जो कि उसे संगरोधके कानूनों द्वारा मिल सकता है। परन्तु मैं बतला दूं कि इस प्रश्नपर अधिकतम ध्यान दिया गया है, दिया जा रहा है और दिया जायेगा। सरकार पूरी तरह मानती है कि इसका महत्त्व बहुत ही अधिक है। सरकारको इस उपनिवेशके लोकमतके इस रुखसे पूरी सहानुभूति है। कि उपनिवेशमें एशियाइयोंकी भीड़-भाड़ नहीं होने देनी चाहिए। सरकार इस प्रश्नपर, भविष्य में कानून बनाने की दृष्टिसे, सावधानीके साथ विचार और चर्चा कर रही है। परन्तु में यहाँ बतला दूं कि दूसरे प्रस्तावमें जैसी कार्रवाई या प्रदर्शन करने का संकेत किया गया है वैसा कोई भी काम करने से सरकारके काममें सहायता मिलने के बजाय रुकावट ही पड़ेगी।

इससे प्रकट है कि संगरोधका प्रयोजन, उपनिवेशमें गिल्टीवाले प्लेगका प्रवेश रोकनेकी अपेक्षा यात्रियोंको भारत लौट जाने के लिए तंग करना अधिक था। इसपर अध्यक्षने सरकारको यह तार दिया :

समितिने मुझे इस तारके लिए आपको धन्यवाद देने और अब सरकारसे यह प्रार्थना करने को कहा है कि वह 'नादरी' और 'कुरलैंड' जहाजोंपर मौजूद एशियाइयोंको बतला दे कि यहाँको जनता उनके उतरने की कितनी विरोधी है, और उन्हें सलाह दे कि वे उपनिवेशके खर्चपर भारत लौट जायें।

कप्तान स्पार्क्सने एक और सभा ७ जनवरीको नगर-भवनमें ही बुलाई, और उसमें निम्न प्रस्ताव पास किये गये :

यह सभा सरकारसे प्रार्थना करती है कि वह संसदका एक विशेष अधिवेशन बुलाये, जिससे कि जबतक उपनिवेशमें स्वतन्त्र भारतीयोंका आगमन रोकने के अधिकार सरकारको देनेका कानून नहीं बन जाता तबतक वह ऐसा करने के लिए अस्थायी उपाय कर सके। (और) यह कि, भारतीय यात्रियोंके बन्दरगाहपर उतरनेपर हम वहाँ प्रदर्शन करते-करते जायेंगे, परन्तु प्रत्येक व्यक्ति अपने नेताओं की आज्ञाके अनुसार चलेगा।

इस सभामें जो भाषण किये गये उनसे स्पष्ट होता है कि सरकारकी इस सभाके उद्देश्योंके प्रति पूर्ण सहानुभूति थी। और संगरोध और कुछ नहीं, यात्रियोंको उतरने से रोकने का साधन-मात्र था। और संसदका विशेष अधिवेशन इसलिए बुलाया जानेवाला था कि संगरोधकी अवधि अनिश्चित कालके लिए बढ़ाने का विधेयक पास किया जा सके। इस सभाके भाषणोंके निम्न 'अंशोंसे हमारी बातकी पुष्टि हो जाती है।