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सम्पूर्ण गांधी वाङ् मय

लोगोंको और दूसरी तरफ मेरे घर-बार, मेरे परिवार, मेरे बच्चोंके जन्मसिद्ध अधिकार, मेरे प्यारे माता-पिताकी स्मृति, और आज यह देश जो-कुछ है वह बनाने के लिए उन्होंने जो-सब किया उसे रखने लगेंगे तो मैं एकमात्र वही काम करूँगा जो मैं कर सकता हूँ और जिसको आप मुझसे आशा रखते होंगे। (तालियाँ) इस बुराईको सहनेके बजाय मैं इस मामलेको ट्रान्सवाल-सरकारको दयापर छोड़ देना पसन्द करूँगा। इस बुराईके मुकाबलेमें यह काम समुद्र में एक बूंदके बराबर होगा। ('नेटाल मर्क्युरी', १८ फरवरी)

यह भी कहा गया था कि श्री गांधीके, और वे अपने साथ जिन दूसरे वकीलों को लाये हों, उनके बहकावे में आकर भारतीय यात्री सरकारपर हरजानेका दावा करेंगे कि उसने उनको कानूनके खिलाफ संगरोधमें रखा। 'नेटाल मर्क्युरी' ने ३० दिसम्बर के अंकमें लिखा था :

इस खबरसे कि 'नादरी' और 'कूरलैंड' जहाजोंके भारतीय कानूनके खिलाफ जहाजोंके संगरोधमें रखे जानेके कारण सरकारपर दावा करने की सोच रहे हैं, इस अफवाहको प्रायः पुष्टि हो जाती है कि श्री गांधी भी जहाजपर है। उसने अपनी तेज कानूनी सूझ-बूझसे एक ऐसा बढ़िया मुकदमा ढूँढ़ लिया है जिसके द्वारा उसे संगरोधको दुःखदायी कैद और कार्बोलिक दवाईके शोधक स्नानसे छुटकारा मिलते ही शानदार मेहनताना मिलता रहेगा। इस कामके लिए चन्देकी जो बड़ी-बड़ी रकमें एकत्र की गई बतलाते हैं वे स्वभावतः श्री गांधीको मिलेंगी, भले ही मुकदमे में हार हो या जीत। और यदि यह सब सत्य हो तो इस भले आदमीको, तटपर आते ही अपना ध्यान लगाने के लिए इस मनोरंजक मुकदमेसे बढ़कर दूसरी चीज नहीं मिल सकती। उसके साथ जहाजपर शायद कुछ और भारतीय वकील भी है, जिनको यहाँ लानेका उसने इरादा बताया था। और उन्होंने मिलकर जहाजके अन्य भारतीय यात्रियोंको हरजानेका दावा करने के लिए तैयार कर लिया होगा।

२९ दिसम्बरके 'नेटाल एडवर्टाइज़र' में तथाकथित कानूनी कार्रवाई-सम्बन्धी सूचना थी, और अगले दिन उस पत्रमें निकला था :

थोकके-थोक स्वतन्त्र भारतीयोंके यहाँ आनके विरुद्ध डर्बनमें भावना निरंतर उग्न होती रही है और हालमें 'कूरलैंड' तथा 'नादरी' जहाजों द्वारा इसी प्रकारके ७०० और भारतीयोंके यहाँ पहुँच जानेसे तो, प्रतीत होता है, वह और भी तीव्र हो उठी है। इस प्रश्नने इस घोषणाके कारण और भी दुःखदायी तथा उन रूप धारण कर लिया है कि भारतीय लोगोंका एक गुट, जहाजोंके रोक रखे जानेके कारण, नेटाल-सरकारपर भारी हरजानेकी नालिश करना चाहता है। कल दुपहर बाद शहरमें एकदम इस आशयका प्रचार किया जाने लगा कि और अधिक भारतीयोंके यहाँ उतरने के विरुद्ध किसी-न-किसी