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सम्पूर्ण गांधी वाङ् मय

हिस्सा भारतीय लोगोंको बुलाये तो वह उसी आबादीके किसी दूसरे भागको उनके प्रवेशका दरवाजा बन्द न करने दे। और जहाँतक नेटालका सम्बन्ध है, यहाँसे प्रतिवर्ष भारतीय मजदूरोंकी नयी माँगके लिए जितने प्रार्थनापत्र जाते हैं उनको देखते हुए कहा जा सकता है कि यदि किसी कारण उनका यहाँ आना रोक दिया गया तो उससे भारतको अपेक्षा अधिक हानि नेटालकी ही होगी।—'स्टार', शुक्रवार, ८ जनवरी, १८९७।

इस सारी कार्रवाईको हम और कुछ नहीं तो कमसे-कम असामयिक अवश्य समझते हैं, और जो प्रदर्शन करीब-करीब हुल्लड़बाजीके रूपमें किया जा रहा है, उसे हम खतरेसे खाली नहीं मान सकते. . .उपनिवेशको इस बातका ध्यान रखना चाहिए कि उसके सिर किसी प्रकारकी बुराई न आने पाये। और वैधानिक आन्दोलन सफल होगा या नहीं, यदि इस बातका पूरा निश्चय किये बिना ही कोई जोर-जबरदस्ती कर दी गई तो उसका फल यही होगा कि बुराई उपनिवेशके सिर आ जायेगी।. . .इसलिए हम गरम दलके नेताओंसे एक बार फिर आग्रह करेंगे कि वे जो जिम्मेवारी अपने सिर ले रहे हैं, उसे भली भाँति सोच-समझ लें।—'नेटाल एडवर्टाइज़र', ५ जनवरी, १८९७।

यदि गरम दलके नेता इसी परिणामपर पहुँचे कि ऐसा करना आवश्यक है तो वे अपने सिर भारी जिम्मेवारी उठा लेंगे, और उन्हें उसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।. . . .इससे इस बातपर जोर भले ही पड़ जाये कि नेटाल अपने यहाँ और एशियाइयोंको नहीं आने देना चाहता, परन्तु इससे क्या उपनिवेशियोंके विरुद्ध किये गये इस आरोपको पुष्टि नहीं होगी कि वे अन्याय और अनौचित्यपूर्ण व्यवहार करते हैं?—'नेटाल एडवर्टाइज़र', ७ जनवरी, १८९७।

हमारा खयाल है, कि सभामें जो दो हजार आदमी उपस्थित बतलाये जाते हैं उनमें से बहुत कम किसी कानूनके खिलाफ काम करनेके लिए तैयार होंगे। कानून ऐसा कोई अधिकार नहीं देता जिससे संगरोधमें रखे हुए एशियाइयोंको वापस भेजा जा सके अथवा नयोंको यहाँ आनेसे रोका जा सके। इसके अतिरिक्त, ब्रिटिश लोक-सभा ऐसे किसी कानूनको स्वीकार नहीं करेगी जो कि भारतीय प्रजाओंको साम्राज्यके किसी भी भागमें जानेसे रोकता हो। यद्यपि वर्तमान परिस्थितिमें यह बात कुछ खिझानेवाली है, परन्तु इसे भुलाया नहीं जा सकता कि वैयक्तिक स्वतन्त्रता संविधानका मूल आधार है। स्वयं ब्रिटेन भी काली और पीली जातियोंकी प्रतिस्पर्धासे बहुत परेशान है।. . .जो कोरी बातों द्वारा एशियाइयोंकी निन्दा सबसे ज्यादा जोर-शोरसे करते हैं, ऐसे अनेक लोग जब देखते हैं कि वे सस्ते भावपर माल बेच रहे हैं तो उसे खरीद कर