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प्रर्थनापत्र : उपनिवेश-मंत्रीकी

उपनिवेशसे निकालने के लिए अथवा ५०-५० पौंडकी दो स्वीकार्य जमानतें देनेपर कि वह महीने-भरके भीतर उपनिवेशसे चला जायेगा, कैदको सजापर अमल नहीं किया जायेगा। (५) जो व्यक्ति इस अधिनियमकी धारा ३ के अनुसार निषिद्ध प्रवेशार्थी जान उपजेगा, परन्तु उक्त धाराको उपधारा (घ), (ङ), (च) और (छ) के अन्दर न आता होगा, उसे निम्न शर्तोंपर नेटालमें आने दिया जायेगा : (क) वह उतरने से पहले, इस अधिनियमके अनुसार नियुक्त अधिकारीके पास १००-पौंडकी रकम जमा करवा दे; (ख) यदि वह व्यक्ति नेटालमें आनके बाद एक सप्ताहके अन्दर उपनिवेश-सचिव या किसी मजिस्ट्रेटसे यह प्रमाणपत्र ले लेगा कि वह इस अधिनियमको निषेध-सीमामें नहीं आता, तो उसके १०० पौंड वापस कर दिये जायेंगे; (ग) यदि वह एक सप्ताहके अन्दर ऐसा प्रमाणपत्र नहीं ले सकेगा तो उसके १०० पौंड जब्त कर लिये जायेंगे और उसके साथ निषिद्ध प्रवेशार्थी जैसा व्यवहार किया जायेगा। परन्तु जो व्यक्ति इस धाराके अनुसार नेटाल आयेगा, वह जिस जहाजसे यहाँके किसी बन्दरगाहमें उतरा होगा, उसपर या उसके मालिकोंपर किसी प्रकारका दायित्व नहीं आयेगा। (६) जो व्यक्ति इस अधिनियमके अनुसार नियुक्त किसी अधिकारीको विश्वास दिला देगा कि मैं नेटालका पूर्व-निवासी हूँ और मैं धारा (३) को उपधारा (घ), (ङ), (च) और (छ) को मर्यादामें नहीं आता, उसे निषिद्ध प्रवेशार्थी नहीं माना जायेगा। (७) जो व्यक्ति निषिद्ध प्रवेशार्थी न होगा, उसकी पत्नी और नाबालिग बालक इस अधिनियमके किसी भी प्रतिबन्धसे मुक्त रहेंगे। (८) जिस जहाजसे कोई भी निषिद्ध प्रवेशार्थी उतारा जायेगा, उसके मास्टर और मालिकोंपर पृथक्-पृथक् और सम्मिलित रूपमें जुर्माना किया जा सकेगा, वह जुर्माना एक सौ पौंड स्टलिंगसे कम नहीं होगा, उसे प्रथम पाँच प्रवेशाथियोंके पश्चात् प्रति पाँच प्रवेशार्थियोंके लिए १०० पौंडके हिसाबसे, ५,००० पौंडतक बढ़ाया जा सकेगा, यह जुर्माना सर्वोच्च न्यायालयके आदेशपर उस जहाससे वसूल किया जा सकेगा, और जबतक वह जहाज यह जुर्माना न चुका देगा और जबतक उसका मास्टर इस नियमके अनुसार नियुक्त किसी अधिकारीको यह निश्चय न करवा देगा कि उसने प्रत्येक निषिद्ध प्रवेशार्थीको वापस ले जानेकी व्यवस्था कर दी है, तबतक उसे यहाँसे विदा होनेका अनुमतिपत्र नहीं दिया जायेगा। (९) कोई भी निषिद्ध प्रवेशार्थी कोई व्यापार या पेशा करने के लिए लाइसेन्स पानेका अधिकारी नहीं होगा; न वह कोई जमीन ठेकेपर, मिल्कियतके रूपमें या अन्य प्रकारसे ले सकेगा, न मताधिकारका प्रयोग कर सकेगा, न किसी नगरका प्रतिनिधि निर्वाचित हो सकेगा या उसके मताधिकारोंमें नाम लिखा सकेगा, और यदि उसे इस अधिनियमके, विरुद्ध कोई लाइसेन्स या मताधिकार मिल चुके होंगे तो वे रद माने जायेंगे।