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सम्पूर्ण गांधी वाङ् मय


३० दिसम्बरको उक्त पेश होनेवाले ने यह सन्देश भेजा : "कलके संकेत-सन्देशका जवाब दो। यात्री उतरना चाहते हैं और तटपर संगरोध-घरमें रहने का अपना खर्च आप उठानेको तैयार हैं।"

३१ दिसम्बरको उक्त पेश होनेवाले ने फिर यह संकेत-सन्देश भेजा : "आपका विचार मेरे मंगलवार और कलके सन्देशोंका जवाब इस वर्ष देनेका है या नहीं?" जहाजकी सफाई और शोधन हमेशाकी तरह कठोरतासे किया जा रहा है।

१, २, ३, ४, ५, ६, ७ और ८ जनवरी, १८९७ को प्रतिदिन सारे जहाजकी पूरी सफाई, शोधन और हवा लगाने के काम किये जाते रहे और संगरोधके नियमोंका कठोरतासे पालन किया गया।

९ जनवरीको भी सफाई और शोधन फिर किया गया। ५–३० बजे शामको, 'नेटाल' भाप-नौका द्वारा, उक्त पेश होनेवाले को मालिकोंकी तरफसे श्री गांधीकी मारफत इस आशयका पत्र मिला कि हमारी स्पष्ट आज्ञाके बिना जहाजको हिलाना भी मत, क्योंकि भारतीय यात्रियोंके लिए जानका खतरा है। यात्रियोंको उतारने की अनुमति मिल जाने के पश्चात् भी जहाजको आगे न बढ़ाया जाये।

१० जनवरीको यह सन्देश ऊँचा किया गया : "संगरोध फिर खतम है। चार यूरोपीय यात्रियोंको एकदम उतारना चाहता है। पानी और भोजन-सामग्री भी और भेजो। घोड़े उतारने के बारेमें क्या हिदायत है? चारा भेजो। खबर दो कि हम सब स्वस्थ हैं।" ये सब सन्देश तटपर पूरी तरह समझे जाते रहे और इन सबके जवाबमें झण्डी ऊपर उठाई जाती रही। सफाई और शोधन यथापूर्व किया गया।

११ जनवरीको स्वास्थ्य अधिकारी जहाजपर आया और यात्रियोंको उतारने का अनुमतिपत्र दे गया। डेढ़ बजे दुपहरको भाप-नौका 'नेटाल' ने जहाजपर ४,८०० गैलन पानी पहुँचाया। चार यूरोपीय यात्री यह सन्देश ऊँचा करने के बाद 'नेटाल' द्वारा तटपर उतर गये : "मेरे यूरोपीय यात्रियोंको तटपर उतारने से 'नेटाल' इनकार कर रहा है। हिदायत भेजो।" ४ बजे तटपर संकेत-सन्देश उठाये गये परन्तु कुहासे के कारण उनका मतलब समझा नहीं जा सका। सफाई और शोधन और गोदामोंको हवा देने के काम सख्तीसे किये गये। एक पत्र मिला, जिसपर 'समितिके अध्यक्ष' हैरी स्पार्क्सके हस्ताक्षर थे। वह इसके साथ नत्थी है और उसपर 'क'[१] चिह्न कर दिया है। उसकी नकलें भी इस मूलकी नकलोंके साथ लगा दी गई हैं। इस पत्रमें, इसके साथ संलग्न कुछ कागजात भेजने की बात लिखी थी, परन्तु वे उक्त पेश होनेवाले को मिले नहीं।

१२ जनवरीको शामके ४–३० बजे सफाई और हवा देने आदिका काम हमेशा की तरह हो जाने के बाद तटपर यह संकेत-सन्देश ऊँचा उठा हुआ दिखाई दिया : "कप्तान कल रवाना होगा।"

  1. देखिए अगला परिशिष्ट।