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प्रर्थनापत्र उपनिवेश-मंत्रीको

चाहता हूँ कि कानूनकी दृष्टिसे यह मामला कितने विशिष्ट स्वरूपका है। मैं यह भी प्रार्थना करना चाहता हूँ कि संगरोध हटवा दिया जाये। रोकके कारण मालिकोंको डेढ़-सौ पौंड प्रतिदिनका नुकसान हो रहा है। और 'नादरी' को तो मारिशससे बम्बईतक किरायपर सामान ले जानेके लिए तय किया जा चुका है। क्या गवर्नर महोदय अगले बुधवारको शिष्टमण्डलसे मिल सकेंगे?

(ह॰) गुडरिक, लॉटन ऐंड कुक

(परिशिष्ट ङ)
नकल

(तार)

प्रेषक : मुख्य उपसचिव
सेवामें : श्री एफ॰ ए॰ लॉटन
डर्बन

ता॰ २२—आपका कलका तार। मुझे जवाब देनेको कहा गया है। कि विचाराधीन प्रार्थनापत्रको गवर्नर सलाहके लिए मंत्रियोंको देंगे। इसलिए शिष्ट मण्डलका गवर्नरसे मिलना और उनके सामने दलीलें पेश करना अनावश्यक है।

(परिशिष्ट च)
नकल

डर्बन
२१ दिसम्बर, १८९६

सेवामें
माननीय हैरी एस्कम्ब
श्रीमन्,

आज मैंने आपको जो तार पीटरमैरित्सबर्ग भेजा है, उसकी नकल साथमें नत्थी कर रहा हूँ। मुझे पता नहीं था कि गवर्नर साहब डर्बनमें ही है।

'कूरलैंड' और 'नादरी' जहाज बम्बईसे गत मासकी २८ और ३०[१] तारीखोंको चलकर यहाँ गत शुक्रवारको पहुँचे थे। उसी दिन वे एक घोषणा द्वारा संगरोधमें रख दिये गये, यद्यपि दोनों जहाजोंपर यात्रामें किसी किस्मकी बीमारी नहीं हुई थी। घोषणा अगले दिन असाधारण गजटमें प्रकाशित की गई थी।

  1. देखिए पाद-टिप्पणी, पृ॰ २२०।