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प्रर्थनापत्र उपनिवेश-मंत्रीको

नहीं की गई। और हमारा खयाल है कि २९ तारीखको डॉक्टरोंकी समितिकी रिपोर्ट के अनुसार शोधनका काम पूरा कर दिया गया था।

शोधनमें इस विलम्बके कारण जहाजोंके मालिकोंका एक सौ पचास पौंड प्रतिदिनके हिसाबसे १,६५० पौंडका नुकसान हो गया।

मुख्य उपसचिवके २४ तारीखके तारमें दिये हुए इस आश्वासनपर भरोसा करके कि यदि जहाजोंको डॉक्टरोंकी समितिकी रिपोर्टकी शर्ते पूरी करने के लिए स्वास्थ्यअधिकारीके हाथोंमें छोड़ दिया गया तो उन्हें यात्री उतारने की अनुमति उनके सब अधिकारों-सहित दे दी जायेगी, जहाज उसके हाथोंमें छोड़ दिये गये। इससे (१) यात्रियोंकी तो यह भारी हानि हुई कि उनके सब बिछौने, बिस्तरे और अधिकतर कपड़े जला डाले गये, और उनमें से बहुतोंको कई रात तख्तोंपर सोना पड़ा; (२) हम मालिकोंकी यह भारी हानि हई कि संगरोधके दिनोंमें जहाजोंके रोक रखे जानेके कारण हमें प्रतिदिन १५० पौंडका अनावश्यक व्यय उठाना पड़ा; और (३) यात्रियों के मित्रों और देशवासियोंकी यह भारी हानि हुई कि रोकके समय उन्हें उनके लिए बिछौनों, बिस्तरों, वस्त्रों और भोजनकी व्यवस्था करनी पड़ी।

गत कुछ दिनोंमें डर्बनमें उत्तेजित यूरोपीय नागरिकोंकी दो सभाएँ हुई हैं। उन्हें 'नेटाल एडवर्टाइज़र' के कई अंकोंमें यह विज्ञापन निकलवाकर किया गया था :

"आवश्यकता है, डर्बनके एक-एक मर्दकी, एक सभामें हाजिर होनेके लिए—सोमवार, ४ जनवरीको, सायंकाल ८ बजे, विक्टोरिया कैफेके बड़े कमरेमें। सभाका प्रयोजन : एक जुलूसका संगठन करना, जो जहाजघाटपर जाये और एशियाइयोंके उतारे जानेके विरुद्ध आवाज बुलन्द करे। हैरी स्पार्क्स, अध्यक्ष, प्रारम्भिक समिति।"

इन दोनों सभाओंमें उपस्थिति खूब थी। और जैसाकि ऊपरके विज्ञापनमें स्पष्ट बतलाया गया है, इस सभाका लक्ष्य कानूनके खिलाफ होनेपर भी डर्बनका टाउन हॉल ऐसी सभाओंके लिए खोल दिया गया।

हम मानते हैं कि यदि सभाका उद्देश्य कानून-सम्मत हो तो सम्राज्ञीकी प्रजाओंको पूरा अधिकार है कि वे ऐसी सभाओंके द्वारा अपनी शिकायतोंको जाहिर करें। परन्तु इनमें से पहली सभाके सम्बन्धमें हम आपका ध्यान ५ तारीखके 'मर्क्युरी' और 'नेटाल एडवर्टाइज़र' में प्रकाशित विवरणकी ओर खींचना चाहते हैं। उससे आपको ज्ञात होगा कि कुछ वक्ताओंके विपरीत घोषणा करनेपर भी, उसमें यह विचार प्रकट किया गया था कि यदि सरकार हमारी प्रार्थना न माने और यात्रियोंको उतार ही दिया जाये तो यात्रियोंके विरुद्ध या उनमें से कुछके विरुद्ध हिंसाका प्रयोग किया जाये।

परन्तु डॉ॰ मैकेंजीके एक भाषणके अंशोंकी ओर हम आपका ध्यान विशेष रूपसे खींचना चाहते हैं, क्योंकि ये सज्जन डॉक्टरोंकी उस समितिके भी सदस्य थे जिसकी रिपोर्टके अनुसार जहाजको संगरोधमें रखा गया; और इनके विषयमें यह कल्पना की जा सकती है कि इन्होंने इस समितिके सदस्यकी हैसियतसे अपनी सम्मति न्याय और निष्पक्षतासे दी होगी। इन्होंने उक्त भाषण ऐसी ही एक सभामें निम्न प्रस्ताव पेश करते हुए दिया था :