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प्रर्थनापत्र : उपनिवेश-मंत्रीको

 

(परिशिष्ट ब)
नकल

डर्बन
९ जनवरी, १८९७

सेवामें
माननीय उपनिवेश-सचिव
मैरित्सबर्ग

श्रीमान्,

कल हमने आपको जो पत्र लिखा था और जिसमें हमने आपकी सेवामें निवेदन किया था कि प्रदर्शनकी कानून-सम्मतता और 'कूरलैंड' तथा 'नादरी' जहाजोंके यात्रियोंके उतरने पर उनकी सुरक्षाके सम्बन्धमें हम इतना अधिक भयभीत किन कारणोंसे हो रहे हैं, उसीके सिलसिले में हम आपकी सेवामें आज प्रातःकालके 'मर्क्युरी' पत्रका निम्न अनुच्छेद प्रस्तुत कर रहे हैं : "जिस घोषणापत्रपर डर्बनके मालिकोंने इतनी बड़ी संख्या में हस्ताक्षर किये हैं, उसका शीर्षक यह है : उन सदस्योंके नामोंकी व्यापार या व्यवसाय-सहित सूची, जो बन्दरगाहपर जाने, यदि आवश्यकता हो तो एशियाइयोंको उतरने से जबरदस्ती रोकने और अपने नेताओंकी किन्हीं भी आज्ञाओंको माननेके लिए तैयार है।"

हम आपका ध्यान 'मर्क्युरी' पत्रके उसी अंककी ओर दिलाकर आपको यह बतलाना चाहते हैं कि "द लीडर्स" (नेतागण) शीर्षकके नीचे आपको यह समाचार मिलेगा कि उस प्रदर्शनमें भाग लेने के लिए रेलवे-कर्मचारी श्री स्पार्क्सके सेनापतित्व और श्री वाइली तथा श्री ऐब्राहमकी कप्तानीमें एकत्र हो गये हैं; और डॉ॰ मैकेंजी प्रदर्शनके समय मकानोंकी छपाई और ईंटोंकी चिनाई करनेवाले राजगीरोंकी टुकड़ीके नायक रहेंगे। ये डॉ॰ मैकेंजी डॉक्टरोंकी उस समितिके भी सदस्य थे जिसकी सलाहसे जहाजोंको संगरोधमें रखा गया है।

यदि सरकार हमें यह आश्वासन दे देगी कि सरकारी नौकरोंको प्रदर्शनमें किसी भी प्रकारका भाग लेने से रोक दिया जायेगा तो हमें प्रसन्नता होगी।

आपके आज्ञाकारी सेवक,
(हस्ताक्षर) दादा अब्दुल्ला ऐंड कम्पनी