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प्रर्थनापत्र : उपनिवेश-मंत्रीको

समितिके साथ हुई आपकी मुलाकातके सम्बन्धमें दिया था। और श्री वाइलीने जो शब्द आपके मुखसे निकले हुए बतलाये थे, उन्हें आपने गलत बतलाकर कहा था कि आपके कथनका भाव यह था : कि यदि मंत्री लोग डर्बनमें दंगेको दबाने में असमर्थ रहे तो वे अपने पदपर रहने के अयोग्य सिद्ध हो जायेंगे, और त्यागपत्र दे देंगे।

श्री लॉटनके साथ वार्तालापमें आपने यह भी बतलाया था कि निम्न बातोंको सरकार मानती है :

१. संगरोधकी आवश्यकताएँ पूरी हो चुकनेपर 'कूरलैंड' और 'नादरी' जहाजोंको यात्री उतारने की इजाजत अवश्य दे देनी चाहिए।
२. यह इजाजत मिल जानेपर जहाजोंको अधिकार मिल जायेगा कि वे अपने यात्री और माल चाहें तो स्वयं घाटपर आकर उतार दें, चाहे छोटी नौकाओं द्वारा।
३. दंगाइयोंकी जोर-जबरदस्तीसे यात्रियों और मालकी रक्षा करने की जिम्मे वारी सरकार की है।

दूसरी ओर, श्री लॉटनने आपको बतलाया था कि इस उपनिवेशमें भारतीयोंको यूरोपीयोंके साथ-साथ रहना पड़ता है, इसलिए उनके मवक्किलोंकी इच्छा है कि यात्रियोंको उतारते हए यथाशक्ति ऐसा कोई काम न किया जाये जिससे कि भारतीयों के विरुद्ध कुछ यूरोपीयोंकी पहले ही भड़की हुई भावनाएँ और भी भड़क जायें। और इसीलिए, उन्हें निश्चय है कि, उनके मुवक्किल यात्रियोंका उतारना उपयुक्त समयतक स्थगित रखने में सरकारके साथ पूरा सहयोग करेंगे, जिससे कि सरकार इतने संमयमें उचित प्रबन्ध कर सके।

हमें आपको यह बतला देने की हिदायत दी गई है कि संगरोध की मियाद आज समाप्त हो जाती है और साधारण अवस्थाओंमें हमारे मुवक्किल आज ही उतारने का काम शुरू कर देते, परन्तु यदि यह काम स्थगित रखने के कारण होनेवाला नुकसान—जो कि १५० पौंड प्रतिदिन है—उठाने के लिए सरकार तैयार हो तो वे सरकार की सहूलियतके लिए उसे उचित समयतक स्थगित कर देनेको सहमत हैं।

हमें आशा है कि आप इस सुझावके औचित्यको समझेंगे और सरकार इसे मान लेगी।

हम आपका ध्यान इस तथ्यकी ओर भी खींचते हैं कि जिन भावी दंगोंको "प्रदर्शन" बतलाया जा रहा है, उनके संगठनमें सम्राज्ञीकी स्वयंसेवक-सेनामें कमिशन पाये हुए बहुत-से सज्जन भी भाग ले रहे हैं, और वे समाचार-पत्रों तथा प्रदर्शनपटोंके द्वारा अपना विज्ञापन इन भावी दंगाइयों की टुकड़ियोंके नायकोंके रूपमें होने दे रहे हैं। इसके अतिरिक्त, कप्तान स्पार्क्सने इन्हीं साधनोंके द्वारा अपने-आपको इन प्रस्तावित दंगोंका प्रधान सेनापति विज्ञापित किया है।

हम सादर, परन्तु अति अनिच्छापूर्वक, अपनी यह सम्मति प्रकट कर देना चाहते हैं कि यदि इस संगठनको मिथ्या आशाओंके सहारे बढ़ने देने के स्थानपर, आरम्भ में ही, गैर-कानूनी घोषित कर दिया जाता तो इस समय यह उत्तेजना दिखलाई न पड़ती