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सम्पूर्ण गांधी वाङ् मय

५. इस बन्दरगाहपर भारतीयोंके जो कपड़े और अन्य सामान नष्ट कर दिया गया है, उसकी केवल ठीक कीमत—अधिक नहीं—समिति भारतीयोंको दे देगी। ६. 'नादरी' को बन्दरगाहसे बाहर लंगर डालने के स्थानपर कोयला और खाना-पानी आदि लेने में, बन्दरगाह के भीतर लेने की अपेक्षा, जो अधिक व्यय पड़ेगा और उसे समिति द्वारा वह स्थान न छोड़ने देने के कारण जो और व्यय उठाना पड़ेगा, वह समिति 'नादरी' को दे देगी।

(परिशिष्ट भ)
नकल

जहाज-घाट
१०-४५ सुबह, १३ जनवरी, १८९७

सर्वश्री दादा अब्दुल्ला ऐंड कम्पनी
महाशय,

मुझे आपके कलकी तारीखके पत्रकी प्राप्ति स्वीकार करने का मान प्राप्त हुआ है।

बन्दरगाहके कप्तानने जहाजोंको हिदायत दे दी है कि वे आज १२ बजे सीमा लाँघकर भीतर आने के लिए तैयार रहें।

व्यवस्थाकी रक्षाके सम्बन्धमें सरकारको उसकी जिम्मेदारीकी याद दिलाये जाने की जरूरत नहीं है।

आपका आज्ञाकारी सेवक,
(ह॰) हैरी एस्कम्ब

(परिशिष्ट म)
नकल

महोदय,

मैंने देखा है कि 'मर्क्युरी' के आज प्रातःकालके अंकमें आपने अपनी यह सम्मति प्रकट की है कि गत बुधवारको डर्बनमें उतरने और नगरमें से गुजरकर आने की श्री गांधीको जो सलाह दी गई थी, वह ठीक नहीं थी। उनके तटपर आने में क्योंकि मेरा भी हाथ था, इसलिए यदि आप अपनी उक्त सम्मतिका उत्तर देने का अवसर मुझ प्रदान करने की कृपा करेंगे तो मैं आपका अनुगृहीत हूँगा। अबतक कुछ भी कहने का कोई अर्थ नहीं था, क्योंकि हालत यह थी कि यदि आप प्रदर्शनकर्ताओंके कार्यक्रम और उनके उद्देश्य सिद्ध करने के ढंगको नहीं मानते थे तो आपकी सुननेतकको कोई तैयार नहीं था। परन्तु अब क्योंकि प्रदर्शन-समिति टूट चुकी है और लोगोंकी भावनाएँ