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सम्पूर्ण गांधी वाङ् मय

इडियन्स प्रोटेक्शन) विधेयकोंके[१] सम्बन्धमें भारतीय समाजकी भावनाएँ इस सदनके सामने पेश करने का साहस कर रहे हैं। ये विधेयक या तो अभी इस सम्माननीय सदनके सामने विचारके लिए पेश हैं, या शीघ्र ही पेश होनेवाले हैं।

प्रार्थियोंको मालूम हुआ है कि उपर्युक्त विधेयकोंमें से पहले तीनका मंशा इस उपनिवेशमें सम्राज्ञीकी भारतीय प्रजाके आगमनको प्रत्यक्ष या परोक्ष रूपसे रोकना है। यह अजीब मालूम होगा कि उनका मंशा जिन लोगोंपर असर करने का है, उनका उल्लेख उनमें है ही नहीं।[२] प्रार्थी अत्यन्त आदरके साथ निवेदन करते हैं कि काम करने का ऐसा तरीका गैर-ब्रिटिश है, इसलिए एक ऐसे उपनिवेशमें जिसे दक्षिण-आफ्रिका का सबसे अधिक ब्रिटिश उपनिवेश माना जाता है, इसे बिलकुल प्रश्रय नहीं मिलना चाहिए। अगर इस सम्माननीय सदनके सामने सिद्ध कर दिया जाये और सदनको सन्तोष हो जाये कि इस उपनिवेशमें भारतीयोंकी उपस्थिति एक अनिष्ट है और इसमें भारतीय भयानक संख्यामें टूटे पड़ रहे हैं तो, प्रार्थियोंका निवेदन है, सब सम्बद्ध पक्षोंके लिए हितावह यह होगा कि इस अनिष्टको सीधे लक्ष्य करके एक विधेयक पास कर लिया जाये।

परन्तु प्रार्थी आदरपूर्वक निवेदन करते हैं कि उपनिवेशमें भारतीयोंकी उपस्थिति एक अनिष्ट होने के बदले उपनिवेशके लिए लाभदायक है। उसमें भारतीयोंकी भयानक पैमानेपर भरमार भी नहीं हो रही है। यह सब आसानीसे साबित किया जा सकता है।

मानी हुई बात है कि विधेयकोंका मंशा जिन भारतीयोंको उपनिवेशसे दूर रखने का है, वे "शराबसे परहेज करनेवाले और उद्यमी" हैं। इस तरहका अभिप्राय देशके ऊँचेसे-ऊँचे अधिकारियों और भारतीयोंके घोरतम विरोधियोंने भी व्यक्त किया है। और आपके प्रार्थियोंका दावा है कि ऐसे लोगोंकी जमात जहाँ भी जाये, वहाँ आर्थिक लाभ पहुँचाये बिना नहीं रह सकती। हालमें ही बसे नेटाल-जैसे नये देशोंमें तो यह बात खास तोरसे सही है।

स्थानापन्न प्रवासी संरक्षकने जो विवरण प्रकाशित किया है,[३] उससे मालूम होता है कि गत अगस्त और जनवरीके बीच १,९६४ भारतीय इस उपनिवेशमें आये और १,२९८ यहाँसे गये। हमें विश्वास है कि आपका सम्माननीय सदन इस बढ़तीको ऐसी नहीं मानेगा कि इसके कारण विचाराधीन विधेयकोंको पेश करना उचित ठहराया जा सके। प्राथियोंको भरोसा है कि सम्माननीय सदन इस वस्तुस्थितिकी भी उपेक्षा नहीं करेगा कि इन ६६६ भारतीयोंमें से सब नहीं तो अधिकतर ट्रान्सवाल चले गये होंगे।

  1. इन विधायकोंकी व्यवस्थाओंके लिए देखिए पृ॰ २१५–३०३।
  2. यधपि इन चारों विधेयकोंका भीतरी मंशा भारतीयोंपर असर करने वाला था, इनमें से तीनों में भारतीयों का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया था। केवल स्वतंत्र भारतीय संरक्षण विधेयकमें उनका नाम लिया गया था।
  3. देखिए पृ॰ १९८।