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४३. प्रार्थनापत्र : नेटालके गवर्नरको

डर्बन
६ अप्रैल, १८९७

सेवामे
महामहिम, माननीय सर वाल्टर एफ॰ हेली-हचिन्सन, के॰ सी॰ एम॰ जी॰,

गवर्नर, प्रधान सेनापति तथा वाइस-एडमिरल, नेटाल, और देशी आबादीके

सर्वोच्च प्रमुख

महानुभाव ध्यान देने की कृपा करें,

मैं हालके भारतीय-विरोधी प्रदर्शन के बारेमें इसके साथ अपने और अन्य लोगोंके हस्ताक्षरोंसे सम्राज्ञीके मुख्य उपनिवेश-मंत्रीके नाम अत्यन्त आदरपूर्वक एक प्रार्थनापत्र[१] भेज रहा हूँ।

महानुभावसे नम्र निवेदन है कि इसे अपनी अनुकूल रायके साथ सम्राज्ञीके मुख्य उपनिवेश-मंत्रीके पास भेज दें।

मैं इसके साथ उपर्युक्त प्रार्थनापत्रकी दो नकलें भी भेज रहा हूँ।

आपका, आदि,
अब्दुल करीम एच॰ आदम

[अंग्रेजीसे]
कलोनियल ऑफिस रेकर्ड्स ; पिटिशन्स ऐंड डिस्पैचेज १८९७।

४४. पत्र : नेटालके औपनिवेशिक सचिवको

डर्बन
६ अप्रैल, १८९७

सेवामें
माननीय औपनिवेशिक सचिव
मैरित्सबर्ग
महोदय,

आपका गत ३१ तारीखका-पत्र[२] प्राप्त हुआ। उसके द्वारा आपने मुझे सूचना दी है कि गवर्नरके खरीतेके जिस अंशका मैने उल्लेख किया था, उसके आधारकी

  1. दिनांक १५ मार्चका; देखिए पृ॰ २५०–२५१।
  2. गांधीजी के जिस पत्र का यह उत्तर था, उसके लिए देखिए पृ॰ २५८–५९।