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प्रर्थनापत्र : उपनिवेश-मंत्रीको


११. जो व्यक्ति इस कानूनकी धाराओंको तोड़ने में किसी वर्जित प्रवासीको इरादतन मदद करेगा उसे इस कानूनका भंग करनेवाला माना जायेगा।

१२. जो व्यक्ति इस काननकी धारा ३ के (च) वर्गके वर्जित प्रवासीको देशम प्रवेश करने में इरादतन मदद करेगा, उसे इस कानूनका भंग करनेवाला माना जायेगा। उसे कड़ी कैदकी सजा दी जा सकेगी, जो १२ माससे अधिककी न होगी।

१३. जो व्यक्ति उपनिवेश-सचिवके हस्ताक्षर-युक्त लिखित या मुद्रित अधिकारके बिना किसी अहमक या पागलको नेटाल लाने में इरादतन सहायक होगा, उसे इस कानून का भंग करनेवाला माना जायेगा। उसे जो भी दूसरा दण्ड दिया जाय उसके अलावा, ऐसे अहमक या पागलके नेटालमें रहते हुए उसके पालन-पोषणका व्यय उठाना

१४. इस काननके मातहत इस कामके लिए नियुक्त कोई भी पूलिस-अफसर किसी भी वजित प्रवासीको समुद्री या स्थल-मार्गसे नेटाल में प्रवेश करने से धारा ५ की व्यवस्थाओंके अधीन रोक सकेगा।

१५. गवर्नरको इस कानूनकी व्यवस्थाओंको पूरा करने के लिए समय-समयपर अफसरोंकी नियुक्ति करने और, जब उचित मालूम हो, उन्हें निकाल देनेका अधिकार है। वह ऐसे अफसरोंके कर्तव्योंकी व्याख्या करेगा। ऐसे अफसर अपने विभागके प्रमुख सचिव द्वारा समय-समयपर दिये गये आदेशोंका पालन करेंगे।

१६. सपरिषद गवर्नरको इस कानूनकी धाराओंका ज्यादा अच्छी तरह अमल कराने के लिए समय-समय पर नियम-विनियम बनाने, उनमें संशोधन करने में रद करने का अधिकार होगा।

१७. इस कानूनको या इसके मातहत बनाये गये किसी नियम-विनियमको भंग करनेपर, जहाँ साफ तौरसे ज्यादा दण्ड निश्चित न किया गया हो, ५० पौंड जुर्माने या उसके वसूल होनेतकके लिए सादी या कड़ी कैदकी सजा दी जायेगी। यह कैदकी सजा जुर्माने के अलावा भी दी जा सकती है, परन्तु यह किसी मामले में तीन महीनेसे ज्यादाकी न होगी।

१८. इस कानून या इसके अन्तर्गत बनाये गये नियम-विनियमोंकी पूरी तरह अवहेलना और ज्यादा से ज्यादा सौ पौंडतक जुर्माने या अन्य प्रकारके द्रव्यके मामले मजिस्ट्रेटोंके हस्तक्षेपके योग्य होंगे।

सूची क

नेटाल उपनिवेश

प्रमाणित किया जाता है कि. . . . . . . .जिसका निवासस्थान . . . . . . . . . . आयु. . . . . . . . . धन्धा या व्यापार . . . . . . . है, नेटालमें प्रवासीके तौरपर स्वीकार किये जाने के लिए सही और योग्य व्यक्ति है। स्थान. . . . . . . .तारीख. . . . . .

(हस्ताक्षर)