पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/१२९

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1 १०८ सम्पूर्ण गाधी वाड्मय कोई लडाई नहीं है। वे खुदासे खौफ खानेवाले लोग है । कलकत्ता और वम्बईके कुछ हूश पठानोको देखकर सारी अफगान जातिको वैसा ही समझनेको भृल असहयोगियोको कदापि नही करनी चाहिए। यह सोचना भी एक तरहका अन्धविश्वास ही है कि अगर सीमापर अग्रेजी चौकी नहीं रही तो वे भारतमे घुस आयेगे। हमे यह बात नही भूलनी चाहिए कि अगर वे चाहे तो आज भी उन्हे भारतपर हमला करनेसे कोई रोक नहीं सकता। लेकिन उन्हे भी अपना देश उतना ही प्यारा है जितना हमे अपना देश । सीमापर रहनेवालो की कुछ कठिनाइयां जरूर है लेकिन उसके बारेमे तो मुझे अलगसे ही एक लेख लिखना चाहिए। [अग्नेजीसे] यंग इंडिया, १८-५-१९२१ ५३. हिन्दुओ सावधान असहयोगके लिए बिहार कल्पतरुके समान है। बिहारकी हिन्दू मुस्लिम एकता हमेशासे मशहूर रही है। इसीलिए मुझे यह देखकर बहुत दुख हुआ कि वहां हिन्दुओ और मुसलमानोके बीच तनाव पैदा हो गया है और तनाव भी इतना ज्यादा कि शायद उनकी एकता उसके सामने छोटी पड जाये। हिन्दुओ और मुसलमानो दोनो ही के जिम्मेदार नेतामोने मुझसे कहा है कि दोनोमे कोई झगडा खडा न होने पाये इसके लिए उनको एडी चोटीका जोर लगाना पड़ रहा है। वे सभी नेता ऐसे है जो आसानी से होश-हवास नहीं खो सकते। उन्होने मुझे बतलाया है कि गगाराम शर्मा, भूतनाय और विद्यानन्द वगैरह कुछ हिन्दुओने लोगोसे कहा था कि मैने हिन्दुओ और मुसल- मानो दोनो ही के लिए मास-मछलीकी मनाही कर दी है और उन जरूरतसे ज्यादा जोशीले शाकाहारियोने लोगोसे मास-मछली छीन ली, और इसमे जोर-जबरदस्ती भी की गई थी। मैं जानता हूँ कि कई जगह मेरे नामका इस्तेमाल गैरकानूनी हरकतोके लिए किया जा रहा है, लेकिन यह मिसाल उन सभीसे अनोखी है। आम तौरपर सभी जानते है कि मैं पक्का शाकाहारी हूँ और खाने-पीनेको आदतोमें सुधार करनेका हिमायती हूँ। लेकिन सभी लोग आम तौरपर यह नहीं जानते कि अहिंसा पशुमओपर जितनी लागू होती है उतनी ही मनुष्योपर भी; और मै मास खानेवालो के साथ भी बिना किसी परहेजके उठता-बैठता हूँ। मैं एक गायकी जान बचानेके लिए किसी आदमीकी जान नही लूंगा, ठीक उसी तरह जिस तरह कि मैं एक आदमीकी जान बचानेके लिए किसी गायकी जान नही लूंगा। फिर चाहे उस आवमीकी जान कितनी ही बेशकीमती क्यो न हो। इसलिए यह बतलानेकी जरूरत नहीं रह जाती कि मैंने किसीको भी असहयोग आन्दोलनके कार्यक्रमके साथ शाकाहारका प्रचार करनेकी अनुमति नहीं दी है। ऊपर जिन लोगोके नाम गिनाये गये है मै उनको नहीं जानता। मैं इतनी वात पक्की तौरपर जानता हूँ कि यदि किसी भी प्रचारके साथ हिसा जुड़ गई तो हमारा उद्देश्य विफल हो जायेगा।