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तार : जमनालाल बजाजको


मुलाकात कर भी चुके हैं। लालाजीने आन्दोलनमें अपने शरीक होनेका कारण व्यक्त करते हुए मुख्यत: पंजाबकी समस्या के बारेमें ही बातचीत की। कृपया आप वाइसराय से मुलाकातका समय माँगें और अपने असहयोगी बनने के कारणोंसे उन्हें अवगत करायें। यदि आपका इरादा मुलाकात के लिए लिखनेका हो और अगर आपको ठीक लगे तो आप कह सकते हैं कि मुलाकातकी बात मैंने आपको सुझाई थी और कहा था कि यदि आप मुलाकातकी अनुमतिके लिए लिखें तो वाइसराय बड़ी खुशीसे मुलाकात करेंगे।

मेरे सुझावका मतलब यह नहीं है कि आपको स्वयं ही मुलाकात के लिए जाना चाहिए। आप किसी भी दूसरे व्यक्तिको चुन सकते हैं या अपने नामके साथ एक दूसरा नाम भी लिख सकते हैं। इस पत्रका यह अर्थ भी नहीं लगाया जाना चाहिए कि मैं खुद आपका ही जाना जरूरी मानता हूँ। इसका निर्णय तो आपको, सिर्फ आपको ही, करना है।

हृदयसे आपका,
मो० क० गांधी

[ अंग्रेजीसे ]
पाँचवें पुत्रको बापूके आशीर्वाद

५६. तार : जमनालाल बजाजको

[ २० मई, १९२१[१]]

जमनालालजी
वर्धा

सुन्दरलालजीको बधाई दीजिये।[२] शायद कल भुसावल के लिए रवाना हो रहा हूँ। फिर तार दूंगा।

गांधी

अंग्रेजी मसविदे (एस० एन० ७५२३) से।

  1. गांधीजी २१ मईको भुसावल में थे; देखिए “भाषण : भुसावलमें”, २१-५-१९२१। सम्भवतः यह तार एक दिन पहले दिया गया होगा।
  2. पण्डित सुन्दरलाल भारतीय दण्ड संहिता की धारा १२४ ए के अधीन गिरफ्तार किये गये थे और बादमें उन्हें २३ मई, १९२१ को वर्षामें एक सालकी सख्त कैदको सजा दी गई थी।