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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


चाहिए। आपके उद्धारके दो साधन हैं: दारूत्याग तथा बुनाईका काम। उनके द्वारा ही आपका उद्धार होगा।

[ गुजरातीसे ]
गुजराती, १२-६-१९२१

८६. भाषण : भड़ौचकी खिलाफत सभामें

२ जून, १९२१

श्री गांधीने सातवाँ प्रस्ताव रखते हुए कहा: में जानता हूँ कि आप जल्दी घर जाना चाहते हैं। इसलिए में विस्तारसे नहीं बोलूंगा। बन्नू कहाँ है सो आप जानते हैं। सीमान्तके सवालपर मेरे विचारोंको अध्यक्ष अच्छी तरह जानते हैं और इसीलिए मुझसे तत्सम्बन्धी प्रस्ताव रखने को कहा गया है। बन्नूके मुसलमान डंडों और अन्य शस्त्रोंसे लैस हैं। वे खुदासे डरनेवाले लोग हैं और खिलाफतके मसलेको समझते हैं। बन्नूके मुसलमानोंपर जितना अत्याचार हुआ अगर उतना हमपर होता तो में निश्चित रूपसे जानता हूँ कि हम सब तत्काल वहाँसे भाग जाते। उनमें से कुछ बैरिस्टर और सुविख्यात लोग हैं। उन्होंने अब आपको सन्देश भेजा है कि आप सत्यके आधारपर अपना आन्दोलन जारी रखें।

हम सरकार की उत्तेजनात्मक कार्रवाइयोंको कहाँतक सहन करते हैं, ईश्वर इसे लेकर हमारी परीक्षा लेता रहा है। आपके सामने तीन रास्ते हैं जबकि मेरे सामने केवल एक है और वह है जिहाद। यदि मुसलमानोंने हिंसाका सहारा लिया तो में उनके खिलाफ जिहादका रास्ता ही अपनाऊँगा। सम्भव है कि वे तलवारका उपयोग करें, परन्तु मैं नहीं करूँगा। यदि किसी मुसलमानने तलवार बाहर निकाली तो वह भयानक भूल करेगा। इस समय में विशेष रूपसे खिलाफतके बारेमें बोल रहा हूँ, स्वराज्यके बारेमें नहीं। हमने पहले ही सरकारको चेतावनी दे दी है कि वह न तो जनताको उत्तेजित करे और न उसका दमन करे। अली भाई सरकार द्वारा दिये जाने वाले किसी भी कष्टको झेलनेके लिए तैयार हैं किन्तु वे हर हालत में अहिंसात्मक असहयोग मार्गको ही अपनायेंगे। हमें सरकारको कर नहीं देने चाहिए और असहयोग आन्दोलनको बल देनेके लिए अधिकसे-अधिक चेष्टा करनी चाहिए। मुसलमानोंको रमजानमें अपना राष्ट्रीय कार्य अवश्य जारी रखना चाहिए। कल कुछ हिन्दू मुझे बता रहे थे कि मुसलमान गायकी कुरबानी करनेकी बात कर रहे थे और कह रहे थे कि वैसा न करना बहुत बड़ा पाप होगा। आपके लिए जिस तरह मक्का शरीफ पवित्र स्थान है उसी तरह हिन्दुओंके लिए गाय पवित्र पशु है। गोवध करनेसे पहले आपको अली भाइयोंसे अवश्य सलाह लेनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि मुसलमान