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वाइसरायका भाषण


ऐसा नहीं करेंगे। मुसलमान हमेशा ही हिन्दुओंके समान माने जायेंगे। आपको वे सारे अधिकार दिये जायेंगे जो हिन्दुओंको प्राप्त हैं। आपको मुझमें और मेरे महान् आन्दोलनमें ईमान और विश्वास अवश्य होना चाहिए। में अन्तमें ईश्वरसे प्रार्थना करता हूँ कि यह आपको [मुसलमानोंको] राष्ट्रीय कार्यके लिए सफलतापूर्वक और शान्तिसे आगे बढ़नेकी पर्याप्त शक्ति वे।[१]

[ अंग्रेजीसे ]
बॉम्बे क्रॉनिकल, ६-६-१९२१

८७. वाइसरायका भाषण

मैंने वाइसराय महोदयका भाषण पढ़ा। वह ठीक है, ऐसा मैं मानता हूँ। तथापि उससे शिमलाकी गन्ध आती है। हमें उसकी फिक्र नहीं। यदि ये महोदय अपने काम-काजमें “जैसा कहो वैसा करो” वाली बातको चरितार्थ करना चाहते हैं तो उन्हें ऐसा करके बताना होगा।

भोजनके बाद भाषण करनेकी आदत ही बुरी है। खाकर व्यक्ति आलसी बन जाता है। खानेके तुरन्त बाद व्यक्ति ठोस विचार करने लायक नहीं रह जाता और सो भी ऐसे आडम्बरपूर्ण वातावरण में दिये गये भोजके बाद जिसका कि समाचारपत्रोंमें विशेष विवरण प्रकाशित किया जाता हो। इसीलिए वाइसराय के भाषणोंमें जो गाम्भीर्य होना चाहिए वह नहीं होता।

हिन्दुस्तानको फिलहाल गाम्भीर्यकी जरूरत है। हिन्दुस्तान घायल है; उसका घाव अभी भरा नहीं है। इतना ही नहीं बल्कि वह घाव गहरा होता जाता है। उससे अभी खून बहता रहता है। वह मरहम-पट्टीसे ठीक हो जानेवाला नहीं है। उसके लिए तो अभी ऐसे कुशल शल्य-चिकित्सककी आवश्यकता है जिसमें दक्षता के साथ धैर्य भी हो। अच्छे शल्य-चिकित्सकोंको मैंने खतरनाक आपरेशन करते समय भूखे पेट रहते देखा है। किसी-किसी श्रद्धालु शल्य-चिकित्सकको मैंने आपरेशनके समय भगवान्‌का नाम लेते हुए भी देखा है।

वाइसराय महोदय, अली भाइयोंके पत्रको भी ऐसा-वैसा पत्र न समझें। यह पत्र उनकी खातिर नहीं लिखा गया । यह पत्र तो मित्रोंकी खातिर लिखा गया है। वाइसराय महोदयने अली भाइयोंके भाषणोंका जो जिक्र किया सो ठीक किया। कोई शत्रु भी अगर भूलकी ओर निर्देश करे तो उसे स्वीकार कर लेना सज्जनताकी निशानी है। अली भाइयोंके किसी-किसी भाषण में कुछ एक वाक्य ऐसे थे जिनके दो अर्थ निकल सकते हैं। अली भाइयोंके वक्तव्यका यही मतलब है कि अपनेको, धर्मको और देशको बचानेका प्रयत्न करनेवाले व्यक्तियोंको भी अपने मुखसे जाने-अनजाने द्विअर्थीक शब्द नहीं निकालने चाहिए। उन्होंने अपनी सज्जनताका परिचय देते हुए मेरे-जैसे मित्रों-

  1. प्रस्तावका अनुमोदन हथात साहबने और उसका समर्थन फैजुल्लाखाने किया था। मत लेनेक वाद प्रस्ताव पास कर दिया गया।