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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


कभी-कभी स्त्री अपने पतिको दान देनेसे रोकती भी है। इसके बजाय मैं उनसे पुरुष वर्गको प्रोत्साहन देनेकी प्रार्थना करता हूँ। यह बात भी मेरी जानकारीसे बाहर नहीं है कि अनेक स्त्रियाँ पुरुष वर्गको अधिक देनेके लिए प्रेरित करती हैं और उसमें सफल होती हैं। अन्य बहनें भी इनका अनुकरण करें।

मेरी प्रार्थना है कि जो बहनें इस पत्रिकाको पढ़ें वे दूसरोंको भी पढ़ायें। मुझे उम्मीद है कि बहनें स्वयं देकर ही सन्तुष्ट न रहेंगी बल्कि अपनी अन्य बहनोंको भी देनेके लिए प्रेरित करेंगी।

जहाँ पैसा दें, वहाँसे रसीद अवश्य लें।

[ गुजरातीसे ]
नवजीवन, १६-६-१९२१

१०४. टिप्पणियाँ

अली बन्धुओंकी वह सफाई[१]

अली बन्धुओंने अपनी सफाईमें जो वक्तव्य दिया था, उसे लेकर अभीतक लोगों के मन में शंकायें उठती रहती हैं। अब भी मेरे पास इस बातके उलाहने से भरे हुए पत्र आ रहे हैं कि मैं वाइसरायसे मिलनेके लिए गया ही क्यों। कुछ लोगों का ऐसा खयाल है कि मैंने सारा मामला बिगाड़ दिया; कुछ अन्य लोग अली बन्धुओं पर यह आरोप लगाते हैं कि आखिर एक बार उन्होंने भी कमजोरी दिखाई है, और वह भी मेरे प्रति उनकी भावना के कारण। मैं जानता हूँ कि यह सारा तूफान जल्दी ही शान्त हो जायेगा। क्योंकि मैंने इस प्रसंगमें जो कुछ सुना और पढ़ा है, उसके बावजूद, मुझे यही लगता है कि वाइसरायकी इच्छा जानकर अपने विचारोंसे उन्हें अवगत कराने के लिए उनसे मिलकर मैंने कोई गलती नहीं की। गलती तो तब होती जब मैं उनसे लिखित निमन्त्रण पानेके लिए बैठा रहता। मुझे यह भी लगता है कि अली बन्धुओंने जो वक्तव्य जारी किया, उन्हें वह वक्तव्य जारी करनेकी सलाह देकर मैंने खिलाफत और भारत के हकमें जो सर्वोत्तम था वही किया। यह वक्तव्य देकर अली बन्धुओंने विनम्रता और उच्च कोटिका साहस ही दिखाया है। उन्होंने दिखा दिया है कि अपने देश और अपने धर्मके लिए वे अपना अभिमान और अपना सभी कुछ खुशी-खुशी बलिदान कर सकते हैं। अगर वे वक्तव्य देनेसे इनकार कर देते तो उससे हमारे पक्षको हानि ही पहुँचती, इसलिए उन्होंने वक्तव्य देकर हमारे पक्षको मजबूत किया है।

एक एतराज

लेकिन इस बातका पूरा-पूरा एहसास होनेके बावजूद इसपर मुझे कोई आश्चर्य नहीं है कि मेरे पास अली बन्धुओं के बयानपर एतराज भरे पत्र आ रहे हैं। उन एतराजों से केवल यही प्रकट होता है कि हम जिन तरीकोंपर चल रहे हैं वे नये हैं, देश

  1. देखिए “अलो भाइयोंकी क्षमा-याचनाका मसविदा”, १४-५-१९२१