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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


वजहसे ऊँच-नीच का भेद ही नहीं रहेगा या फिर ऐसा संघर्ष छिड़ेगा जैसा संघर्ष दुनियाने पहले कभी नहीं देखा होगा। सरकारका दिया भात खानेसे इनकार करनेका मतलब ही अपमानित करनेवाले हाथकी मददसे जिन्दा रहनेसे इनकार करना है। और जब सारे देशमें मूक साहस और त्यागकी यह भावना भर जायेगी, उस दिन इस सरकारकी किस्मतका फैसला हो जायेगा। हम हिंसाका हुनर सीखें, यह कतई जरूरी नहीं है; जरूरी है हिंसाको बरदाश्त करनेका, मर जानेका हुनर सीखनेकी। हिंसा के जरिये सफलता पानेका मतलब होगा एक राक्षसी सरकारकी जगह दूसरी राक्षसी सरकारको बिठाना, जिसके अधीन गरीब और निरीह लोग आजकी तरह ही तबाह होते रहेंगे।

कुलियोंकी सहानुभूतिमें जहाजी कर्मचारियोंने जो हड़ताल की उसके लिए एन्ड्रयूज साहबने अफसोस जाहिर किया है। उन्हें हड़तालके लिए उकसानेवालों ने मजदूरोंका अनिष्ट ही किया है। हम अपने देशमें राजनैतिक हड़ताल नहीं चाहते। अभी हममें उसके लिए अपेक्षित समझदारी नहीं है। राजनैतिक हड़तालोंसे हमारी आजादीका पक्ष कमजोर ही होता है। गड़बड़ी और हंगामेका वातावरण हम नहीं चाहते। ये चीजें हमारे आखिरी मंजिलतक पहुँचने के रास्तेमें रुकावटें हैं। पागल होकर मार-धाड़ मचानेवाला सिपाही फौजमें रहने के काबिल नहीं। गड़बड़ी मचानेवाले उच्छृंखल तत्त्वोंपर हमें कड़ा नियन्त्रण रखना चाहिए, या फिर उन्हें सरकारकी ही तरह अलग-अलग कर देना चाहिए। इसलिए हड़तालियोंको हम एक ही तरहसे मदद दे सकते हैं; अर्थात् जब वे अपनी सच्ची शिकायतोंको दूर करानेके लिए हड़ताल करें तो उन्हें मदद दें और उनके लिए रोटी कपड़ेकी व्यवस्था करें। दूसरी हड़तालें रोकनेकी हमें जी तोड़ कोशिश करनी चाहिए। हम पूँजी या पूँजीपतियोंको खतम करना नहीं चाहते, पूँजीपतियों और मजदूरोंके आपसी रिश्तोंको सुधारना चाहते हैं। हम पूँजीपतियोंको अपने साथ, अपने पक्षमें करना चाहते हैं। ऐसी सूरत में सहानुभूतिमें की जानेवाली हड़तालोंको बढ़ावा देना बेवकूफी ही होगी।

असम के गरीब कुलियोंको अपने-अपने घर पहुँचाने के लिए एन्ड्रयूज साहबने फण्डकी अपील की है। यह अपील इस बातकी कसौटी है कि देशके भूखों और नंगों के लिए यानी स्वराज्यके लिए हमारे दिलमें कितनी जगह है, और हम कितना कर सकते हैं। मैं आशा करता हूँ कि दीनबन्धुने[१] दीनोंके लिए जो झोली फैलाई है, कलकत्तेने उसे लबालब भर भी दिया होगा।

[ अंग्रेजीसे ]
यंग इंडिया, १५-६-१९२१

  1. भारतीयोंके लिए किये गये सेवा कार्यके कारण एन्ड्यूज इस नामसे प्रसिद्ध थे ।