पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/२८

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भाषण : गोधराकी सभामें ७ - R लगा हो तो उसके लिए आप मुझे जो प्रायश्चित्त करनेके लिए कहेगे सो मैं करूंगा। मैं आपको दुख कैसे दे सकता हूँ? आपके यहाँ अभीतक नहीं पहुंचा और पटेलसें मिलने आया. -मैने सुना कि आपको इस बातका भी दुख हुआ है। इसका मै क्या जवाब दे सकता हूँ? आपके यहाँ तो मुझे आना ही है। पटेलके यहाँ तो मै कार्यवश गया था। वहाँसे आपके पास शान्तिपूर्वक आ बैठनेका मुझे समय मिल सकता था? मेरे कितने ही मधुरसे- मधुर मनोरथ बिना सफल हुए रह जाते है। मैने जान-बूझकर अपराध नही किया, ऐसा मानकर क्या आप मुझे माफ नही करेगे? मोहनदासके वन्देमातरम् {गुजरातीसे] नरसिंहरावनी रोजनिशी ७. भाषण : गोधराकी सभामें १८ अप्रैल, १९२१ हम इस सल्तनतके, साम्राज्यके, सरकारके भगी बने हुए है उसका मुख्य कारण यह है कि हमारे वैष्णव, शैव अपनेको कट्टर सनातनी हिन्दू कहनेवाले भगियोके प्रति पशुमो-जैसा बरताव करते है, उनपर सितम ढाते है । भगी हमारे सहोदर है, सगे भाई है। उनसे हम अपनी सेवा करवाते है और पेट भरनेके लिए पूरा वेतन भी नही देते; फलस्वरूप उन्हे जूठनसे अपना निर्वाह करना पड़ता है, सड़ा हुआ मांस खाना पड़ता है। सेवाका विचार करते हुए मुझे लगता है कि वकील, डाक्टर अथवा कलक्टर भंगीकी अपेक्षा समाजको तनिक भी ज्यादा सेवा नहीं करते। उनसे तो भगीकी सेवा कही बढ़ी-चढी है। भगी सेवा करना छोड़ दें तो समाजकी क्या दशा हो? हमपर जो दुख टूट पड़ा है वह हमारे द्वारा अन्त्यजोके प्रति किये गये पापका फल है। मुसलमानोको भी हमारे साथ रहने के कारण हमारे पापका दु:ख भोगना पड़ रहा है। अनेक हिन्दू भगियोका स्पर्ण न करनेके औचित्यके सम्बन्धमे शास्त्रोंका उद्धरण देते है। लेकिन मैं कहता हूँ कि अगर कोई शास्त्र यह कहता है कि भगीको छूना पाप है तो वह शास्त्र नही, अशास्त्र है। जो बुद्धिगम्य न हो, जो सत्य न हो उसे शास्त्र कदापि नही कहा जा सकता। इनके अलावा, शास्त्रके भी कितने ही अर्थ किये जा सकते है। हम शास्त्रके नामपर क्या नही करते? शास्त्रके नामपर साधु बाबा भांग पीते है, गाँजा फूंकते है, शास्त्रके नामपर देवीके भक्त मांस-मदिराका सेवन करते है, शास्त्रके नामपर अनेक व्यक्ति व्यभिचार करते है। शास्त्रके नामपर मद्रासमें कोमल बालाओको वेश्या बनाया जाता है। इससे ज्यादा शास्त्रका अनर्थ और क्या हो सकता है? में अपनेको कट्टर वैष्णव भानता हूँ, मै वर्णाश्रम धर्मको माननेवाला हूँ। लेकिन मैं कहता १. सम्भवतः बिटुलमाई पटेल । २. गाधीजीकी यात्राके विवरणसे उद्धृत । ।