पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/३२६

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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय उनके पत्रसे लिये गये निम्न अंशको अवश्य पसन्द करेंगे। यह पत्र उन्होंने मेरे उस पत्रके उत्तरमें लिखा है जिसमें मैंने उनके स्वास्थ्यके प्रति चिन्ता व्यक्त की थी। वे कहते हैं : मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि आपको मेरे स्वास्थ्यके बारेमें जरा भी चिन्ता करनेकी जरूरत नहीं है। मैं कई वर्षोंसे इतना स्वस्थ कभी नहीं रहा हूँ। वास्तवमें बेजवाड़ामें मैंने जो खद्दर अपनाया, उससे मैं अपनेको अपनी उम्रसे बीस वर्ष कमका अनुभव कर रहा हूँ। मुझे कितना अच्छा अनुभव हो रहा है। हर जगह, यहाँतक कि गाँवकी औरतों द्वारा भी मेरा हार्दिक स्वागत किया जाता है। जिन-जिन स्थानोंमें मैं गया हूँ, उनमें से अधिकांशने अपने हिस्सेसे दूना या तिगुना दिया है। केवल आनन्द तथा नडियाद-जैसे बड़े शहर ही पीछे हैं। पर नडियाद, जहाँ में चार दिन बिता चुका हूँ, प्रगति कर रहा है, और मेरा खयाल है कि यदि वह अपने हिस्से से अधिक नहीं, तो कमसे-कम अपने हिस्सेका तो देगा ही। मैं आज कपड़वंज जा रहा हूँ किन्तु रात मैं नडियादमें ही बिताया करूँगा, नहीं तो मेरे नेक दोस्त ढीले पड़ जायेंगे। हमारे कुछ कार्यकर्ताओंमें उमंग और उद्यमकी कमी है। मेरा खयाल है कि वे उस सम्मानित वर्गका प्रतिनिधित्व करते हैं, जिस वर्ग में अब नहीं रहा। क्या शानदार अनुभव है यह। मुझे उस सामान्य लोक-वर्गसे, जिस वर्गका होना अब में सम्मानकी बात समझता हूँ, कितना अधिक प्यार तथा स्नेह मिला है। इस फकीरके वेश ने ही सारे बंधनोंको तोड़ा है। और अब स्त्री तथा पुरुष मुझसे उसी तरह मिलते हैं जिस तरह मैं चाहता हूँ। कितना अच्छा होता, अगर वर्षों पहले ही यह मालूम हो जाता कि फेंटा, साया, अंगरखा, जूते तथा मोजे एक व्यक्तिको उसके गरीब भाइयोंसे अलग कर देते हैं। मुझे केवल अब यह अनुभव हुआ है कि उस प्रकारके वेश में किसीके अन्दर इतना विश्वास उत्पन्न कर सकना कि वह अपनी बातें आपसे कह सके, क्यों असंभव था। अब मेरी समझमें आ रहा है कि मैंने जीवन में कितना गंवाया है।.. आन्दोलनने मेरी जीवन-धाराको कितना प्रभावित किया है, उसे मैं बहुत धुंधले रूपमें ही देख पा रहा हूँ। फिर भी मैं उसे देख रहा हूँ, और यही महत्त्व रखता है। देने में कितना आनन्द है, यह महसूस करना भी एक नया अनुभव है। चरखेकी प्रशंसा एक ईसाई महिला लिखती हैं: चरखके जरिये स्वतन्त्रता प्राप्त करने के लिए मैं अपनी पूरी शक्तिसे काम करूँगी। यहाँसे रवाना होनेसे पहले पहले मैंने अच्छे चरखे तैयार करा लिये। Gandhi Heritage Portal