पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/३६९

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टिप्पणियाँ कांग्रेस कमेटी आनेवाले महीनोंके बारेमें क्या निर्णय करती है। यदि हम सुव्यवस्थित रूपसे यह कार्यक्रम पूरा कर लें तो हम सितम्बरके अन्ततक नहीं तो दिसम्बरसे पहले ही स्वराज्य अवश्य प्राप्त कर लेंगे। बम्बईका फैसला बम्बई प्रान्तीय कांग्रेस कमेटीने वहाँ जमा चन्देकी रकमके इन्तजामके बारेमें एक बहुत व्यावहारिक और शोभनीय निर्णय किया है। उस प्रस्तावका महत्त्वपूर्ण भाग, जहांतक मुझे याद है, कुछ इस प्रकार है : चूंकि जूनमें अखिल भारतीय तिलक स्मारक कोषके लिए जो चन्दा जमा किया गया था वह केवल प्रान्तीय आवश्यकताओंको पूरा करनेके लिए नहीं बल्कि बेजवाड़ामें अपने ऊपर लिये गये उत्तरदायित्वको निभानेके लिए और उन प्रान्तोंकी सहायताके लिए था जिन्हें सहायताकी जरूरत है, इस कमेटीकी राय है कि इस निधिके व्ययके प्रबन्धके लिए एक विशेष समिति नियुक्त करना वांछनीय होगा। सर्वश्री राघवजी पुरुषोत्तम, वेलजी लखमसी नापू, रेवाशंकर जगजीवन झवेरी, उमर सोबानी, जमनालाल बजाज, अर्देशर बरजोरजी गोदरेज, शंकरलाल बैंकर और लक्ष्मीदास तैरसीको उस समितिमें नियुक्त किया जाये, जो उक्त कोषकी रकमके खर्चका नीचे लिखी शोंके साथ प्रबन्ध करे और उसपर नियन्त्रण रखे: (१) निधिका पहला दायित्व प्रान्तीय कांग्रेस कमेटीका असहयोग सम्बन्धी व्यय होगा। (२) अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटीकी सिफारिशपर चरखे और खावीके प्रसार, दलित जातियोंके उत्थान, राष्ट्रीय पाठशालाओं, अकाल पीड़ितोंकी सहायता और मद्य-निषेधके लिए दूसरे प्रान्तोंको सहायता दी जायेगी। यह कार्य आत्म-त्यागका है, जिसके लिए बम्बई प्रान्तीय कांग्रेस कमेटी सारे देशकी बधाईकी पात्र है। प्रस्तावमें जो उद्देश्य साफ-साफ दिखाई देता है वह है इस विशाल धनराशिका इस प्रकार प्रबन्ध करना जिसमें सन्देहके लिए कोई गुंजाइश न रह जाये। एक मुसलमान भाईके लिए त्यागपत्र बम्बईने आत्म-त्यागका एक दूसरा उदाहरण भी प्रस्तुत किया है। मुसलमानोंके प्रतिनिधित्वके बारेमें कार्य-समितिने अपनी राय तब दी जब मतदान पत्र जारी किये जा चुके थे। मतदानके फलस्वरूप केवल एक मुसलमानका निर्वाचन हो सका, वह थे श्री उमर सोबानी और उनके बारेमें शायद ही यह दावा किया जा सके कि वे मुसलमानोंके हितोंका विशेष प्रतिनिधित्व करते हैं। सार्वजनिक कार्यकर्त्ताके रूपमें उनकी इतनी ख्याति है कि उन्हें केवल मुसलमानोंका प्रतिनिधि नहीं माना जा सकता। और २०-२२ Gandhi Heritage Portal