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टिप्पणियाँ

और अपंगकी जनता प्रेमपूर्वक भोजन करायेगी, तब धूर्त लोग साधुके वेशमें घूम-घूमकर भिक्षा नहीं माँग सकेंगे। इस तरह स्वदेशीका अर्थ है ढोंगका नाश और साधुताका प्रभाव।

मैं आशा करता हूँ कि इतना समझ लेनेके बाद गुजरात हर घरमें चरखे, करघे और रुई पींजनेकी प्रवृत्तिको तुरन्त बढ़ावा देगा और इस तरह अपनी तथा हिन्दुस्तानकी सेवा करेगा।

[गुजरातीसे]
नवजीवन, ७-८-१९२१

 

२४०. टिप्पणियाँ

बम्बईने कमाल कर दिया

बम्बईने तिलक महाराजको सुन्दर ढंगसे श्रद्धांजलि अर्पित की है। रविवार, ३१ जुलाईको सेठ हाजी यूसुफ सोबानीकी जमीनपर एक यज्ञ हुआ जिसमें लगभग दो लाख व्यक्तियोंने अपनी मलिनताको जला डाला। कपड़ोंकी होली करनेके सम्बन्धमें जिन व्यक्तियोंके दिलोंमें शंका थी, ऐसे असंख्य व्यक्तियोंकी शंका दूर हो गई। कमसे-कम लगभग डेढ़ लाख पोशाकें जलाई गई। जब यज्ञ शुरू हुआ तब जो लोग विदेशी काली टोपियाँ पहनकर आये हुए थे उन्हें शर्म आई और टोपियोंकी बौछार होने लगी।

उस दिन लोगोंमें जो उत्साह था वह अवर्णनीय है। ऐसा लगता था मानो सारा बम्बई इस मैदानमें सिमट आया है। सफेद खादीकी टोपियों और खादीके कपड़ोंसे सज्जित स्त्री-पुरुषोंसे मैदान खचाखच भर गया था। उस दिन जो अग्नि प्रगट हुई थी वह हिन्दुस्तानके हृदयमें आज जो आग सुलग रही है उसकी परिचायक थी। जब- तक हमारे घरोंमें एक अंगुल भी विदेशी कपड़ा है तबतक यह अग्नि पूरी तरह शान्त नहीं होगी। मेरी कामना है कि सिर्फ इस पवित्र मैदानमें ही नहीं वरन हिन्दुस्तानके हर गाँव और हर रास्तेमें यह अग्नि प्रगट हो और उसमें विदेशी कपड़े रूपी हमारी मलिनता भस्म हो जाये। विदेशी कपड़े त्यागकर और इस तरह पवित्र होकर बम्बईके स्त्री-पुरुष और बच्चे पवित्र खादी पहनकर चौपाटीके मैदानमें जिस स्थानपर तिलक महाराजका अग्नि-संस्कार किया गया था, वहाँ गये और उन्होंने उस पवित्र आत्माकी पूजा की तथा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इतने सारे लोग इतनी पवित्रतासे कभी किसी चक्रवर्तीकी पुण्य-तिथिपर भी इकट्ठे नहीं हुए होंगे।

बम्बईने जूनमें हिन्दुस्तानकी प्रतिज्ञाको पूरा करनेके निमित्त भारी दान देकर अपनी मनोरमता सिद्ध की थी और इस एक महीनेमें अगले कदमके लिए पृष्ठभूमि तैयार करके वह और भी मनोरम बन गई है।

लेकिन अभी बहुत-कुछ करना बाकी है। बम्बईने विदेशी कपड़े रूपी कचरेको पूरी तरह साफ नहीं किया है। विदेशी कपड़ा देनेवाले बहनों और भाइयोंने आधे मनसे कपड़ा दिया है। जबतक सारे मैलको निकाल बाहर नहीं किया जाता तबतक