पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 20.pdf/६०२

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तारीखवार जीवन-वृत्तान्त (१५ अप्रैलसे १९ अगस्त, १९२१ तक) अप्रैल १५ : गांधीजीने रास और बोरसदको सार्वजनिक सभाओं में भाषण दिये। दोपहरको गोधरा पहुंचे। अप्रैल १६ : हालोलकी ताल्लुका परिषद्की अध्यक्षता की, गांधीजीको थैली भेंट की गई। सन्ध्याके समय किसानोंकी सभामें भाषण । अप्रैल १७ : कालोलके हरिजनोंकी सभामें भाषण । गोधराके लिए रवाना हुए। अप्रैल १९ : सुबह सूरत पहुँचे । सूरत नगरपालिका द्वारा भेंट किये गये मानपत्रका उत्तर देते हुए अधिक चरखे चालू करवाने और अस्पृश्यता दूर करने की आवश्यकतापर जोर दिया। पाटीदार विद्यार्थी आश्रममें भाषण दिया। दोपहरको महिलाओंकी एक सभामें भाषण दिया, जिसमें तिलक स्वराज्य-कोषके लिए चन्दा प्राप्त हुआ। ओरपाडके लिए रवाना हुए। अप्रैल २० : सन्ध्याके समय सूरतकी सार्वजनिक सभामें भाषण । बलसाड़की सभामें भाषण । अप्रैल २१ : वल्लभभाई पटेल और अन्य साथियोंके साथ सुबहके समय चिखली पहुँचे। सीसोदराकी सभामें भाषण । अप्रैल २२ : सिन्धके दौरेके लिए रवाना हुए। अप्रैल २४ : हैदराबाद (सिन्ध) पहुँचे। अप्रैल २६ : सुबह कराची पहुँचे। सार्वजनिक सभामें भाषण दिया। २५,००० रुपयेकी थैली भेंट की गई। कराची नगरपालिकाके सदस्योंसे अनुरोध किया कि शिक्षाका राष्ट्रीयकरण करें। यदि सरकारकी आर्थिक सहायताके बिना काम न चला सकें तो त्यागपत्र दे दें। कराचीके वकीलोंसे की गई एक भेंटके दौरान उन्हें सलाह दी कि वे पर्ची डालकर इस बातका निर्णय कर लें कि किन लोगोंको असहयोग आन्दोलनमें भाग लेना है और किन लोगोंको वकालत जारी रखनी है। वकालत करनेवाले वकील असह्योगी वकीलों और उनके परिवारोंकी धन आदिसे सहा- यता करते रहें। मालेगाँव, नासिक जिले में दंगे। मई १ : रातके समय अहमदाबाद पहुँचे। मई ४ : सुबह कपड़वंज पहुँचे और वहाँ आयोजित एक सार्वजनिक सभामें भाषण दिया। कठलालमें महिलाओंकी सभामें भाषण दिया। रातको नडियादके लिए रवाना हुए। Gandhi Heritage Portal