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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

का समर्थन करते हों वे अपने हाथ उठा दें और इसपर अनगिनत हाथ ऊपर उठ गये। बारडोलीमें भी ऐसी ही एक विशाल सभामें ऐसा ही परीक्षण दुबारा किया गया और उसका इतना ही सन्तोषप्रद परिणाम निकला । अस्पृश्यताका क्रमशः लोप होता जा रहा है और इसके लोपके साथ-साथ स्वराज्यका मार्ग सरल और निरापद होता जा रहा है।

सूतके गोलोंका अम्बार

सीसोदरामें अभी सालभर पहलेतक हाथकी कताईका चलन नहीं था। वहाँ हाथके कते सूतके पचास मन वजनी बोरोंको बड़े अच्छे ढंगसे एक कमरेमें सजाकर मुझे दिखाया गया। अब इस गाँवमें और आसपासके गाँवोंमें सैकड़ों चरखे चल रहे हैं। पंजाबकी भाँति अब गुजरातमें भी बच्चे और महिलायें अकसर ही मुझे आकर सूत भेंट करते हैं। गुजरातके विद्यार्थी हाथकी कताईमें सचमुच पंजाबके कार्यकर्त्ताओंको भी कुछ नई चीजें बता सकते हैं। इन विद्यार्थियोंने बहुत ही थोड़े समयमें कताईका काम सीख लिया है और अब गाँव-गाँवमें इसका आयोजन कर रहे हैं। इसलिए पंजाबियोंको होशियार हो जाना चाहिए। अगर इन लोगोंने इस होड़में उनको पछाड़ दिया तो मुझे सचमुच अच्छा नहीं लगेगा । आन्ध्र, कर्नाटक और गुजरातसे बाजी मारना पंजाबके लिए आसान नहीं होगा। शंकालु व्यक्तियोंको चाहिए कि वे जाकर इन कताई केन्द्रोंको देखें जहाँ संगठित ढंगसे कार्य चल रहा है। उनको वहाँ जाकर कई ऐसे आर्थिक नियमोंका पता चलेगा जो किताबी अर्थशास्त्र के सिद्धान्तोंको गलत सिद्ध कर देते हैं।

विधवाका दान

स्त्री-पुरुषोंने खुले हाथों आभूषणों और धनका दान दिया है। पर आनन्द ग्रामकी एक विधवाने तो सात सौ रुपयेके मूल्यकी सोनेकी एक सिल्ली दानमें देकर हम सभीको चकित कर दिया। मैंने उससे नाम पूछा तो उसने बतलानेसे इनकार कर दिया और कहा कि वह सोना भगवान्के कामके लिए है।

अंग्रेजी-शिक्षा

एक मित्रने मुझसे अंग्रेजी शिक्षाके बारेमें अपनी निश्चित राय देनेके लिए कहा है और कटकके तटपर दिये गये मेरे भाषणका' स्पष्टीकरण चाहा है। मैंने इस भाषण-का प्रकाशित विवरण नहीं देखा। पर मैं अपने मित्रकी इच्छाका पालन बड़ी खुशीसे कर रहा हूँ। मेरी यह सोची-समझी राय है कि अंग्रेजी शिक्षा जिस ढंगसे दी गई है। उसने अंग्रेजी पढ़े-लिखे भारतीयोंको नामर्द बना दिया है; उसने भारतीय विद्यार्थियोंके दिमागोंपर एक भारी बोझ डाल दिया है और हम लोगोंको नकलची बना दिया है। देशी भाषाओंको उचित स्थान दिलानेका काम बिलकुल नहीं किया गया और यह ब्रिटिश शासनके इतिहासका सबसे दुःखद अध्याय है। राममोहन रायको यदि अंग्रेजी--

१, देखिए खण्ड १९, पृष्ठ ४८२-८५ ।

२. राजा राममोहन राय (१७७४-१८३३); अध्येता, समाज-सुधारक और ब्राह्मसमाजके संस्थापक।