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हिन्दू-मुस्लिम तनाव: कारण और उपचार

नहीं है। आजका यह तूफान कलकी शान्तिका अग्रदूत ही है और वह शान्ति थकावट और निराशाजनित तन्द्रासे उत्पन्न शान्ति नहीं होगी बल्कि ऐसी शान्ति होगी जो अपनी शक्तिकी प्रतीतिसे उत्पन्न होती है।

लोग मुझसे यह आशा तो नहीं करेंगे कि मैं विभिन्न स्थानोंमें हुए दंगोंके सम्बन्धमें निर्णय दूँ। ऐसा निर्णय देनेकी मेरी इच्छा भी नहीं है; इच्छा हो भी तो मेरे पास तथ्य नहीं है।

मोपला लोग

दो शब्द इस तनावके कारणोंके बारेमें भी कहूँगा।

इसमें कोई शक नहीं कि मलाबारकी घटनासे हिन्दुओंका मन क्षुब्ध हो उठा है। तथ्य क्या है, यह कोई नहीं जानता। हिन्दुओंका कहना है कि मोपलोंकी बर्बरताका बयान नहीं किया जा सकता। डा० महमूदने मुझे बताया है कि उनकी ज्यादतियोंके बारेमें तिलका ताड़ बनाया गया है; मोपलोंके पास भी हिन्दुओंके खिलाफ शिकायतके कारण थे और उनका कहना है कि जबरन मुसलमान बनानेका कोई मामला पेश नहीं किया गया; एक पेश किया गया था किन्तु वह प्रमाणित तो नहीं हो सका। अपने निष्कर्षोंमें डा० महमूद कहते हैं कि मेरी बातकी पुष्टि स्वयं साक्षियोंसे होती है। मोपला-उपद्रवके बारेमें दोनों पक्षोंके कथनोंका उल्लेख करके मैंने केवल जनतासे यह कहना चाहा है कि वह भी मेरे इस निष्कर्ष से सहमत हो सके कि असलियतकी तह तक पहुँचना असम्भव है और भविष्यमें हम कैसा आचरण करें, यह तय करनेके लिए इसकी जरूरत भी है।

मुलतान, आदि

मुलतान, सहारनपुर, आगरा, अजमेर आदिके बारेमें यह स्वीकार किया जाता है कि इन स्थानों में हिन्दुओंके ही जान-मालका अधिक नुकसान हुआ है। कहते हैं कि पलवलमें वहाँके हिन्दुओंने एक कच्ची मसजिदको पक्का नहीं बनाने दिया। कहा जाता है कि उन्होंने पक्की दीवारका एक हिस्सा गिरा दिया और मुसलमानोंको गाँवके बाहर निकाल दिया। यह भी कहा जाता है कि जबतक मुसलमान यहाँ मसजिद न बनाने और अजान न देनेका वादा न करेंगे तबतक उन्हें गाँवमें नहीं रहने दिया जायेगा। कोई एक सालसे ज्यादा अरसा हो गया यही हालत बनी है। कहा जाता है कि जिन मुसलमानोंको उन्होंने निकाल दिया था वे रोहतकके आसपास झोंपड़ियाँ बनाकर पड़े हुए है।

मुझे यह भी बताया गया है कि व्याड, जिला धारवाड़में मुसलमानोंने मसजिदके सामने बाजा बजानेपर ऐतराज किया, इसपर हिन्दुओंने मसजिदको भ्रष्ट किया, मुसलमानोंको पीटा और उनपर मुकदमे चलवाये।

ये दो मिसालें मैं सिद्ध तथ्योंके रूपमें पेश नहीं कर रहा हूँ; बल्कि महज यह दिखानेके लिए पेश कर रहा हूँ कि मुसलमानोंको भी यह शिकायत है कि हिन्दुओंने हमें बहुत सताया है।