पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 25.pdf/३५

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१. पत्र: वसुमती पण्डितको

दिल्ली जाते हुए गाड़ीमें
श्रावण बदी २ [१६ अगस्त, १९२४]

चि० वसुमती,

तुम्हारा पत्र मिला। मैं यह पत्र दिल्ली जाते हुए गाड़ीमें लिख रहा हूँ। मेरे साथ देवदास, प्यारेलाल, महादेव और मंजरअली हैं। मैं दो-चार दिनमें वापस आऊँगा। तुम अपने स्वास्थ्यका ध्यान रखना।

बापूके आशीर्वाद

चि० वसुमती
मार्फत दौलतराय काशीराम ऐंड कं०
[ सूरत ]

मूल गुजराती पत्र (सी० डब्ल्यू० ४५४) से।

सौजन्य: वसुमती पण्डित

२. पत्र: राधा गांधीको

शनिवार, श्रावण बदी २ [१६ अगस्त, १९२४][१]

चि० राधा,

तुम्हारा कार्ड और केशूके साथ भेजे हुए पत्र मिले। मैं यह पत्र गाड़ीमें लिख रहा हूँ। तुम्हें वह जगह अनुकूल आई है, यह जानकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई। अहमदाबादका पानी कब्ज करता है। तुम दोनों बहनें जी भरकर और खुलकर घूमना-फिरना। उम्मीद है, मैं दिल्लीसे शुक्रवारको लौटूँगा। देवदास, प्यारेलाल और महादेव तीनों साथ हैं।

बापूके आशीर्वाद

चि० राधा
मार्फत वोरा शिवलाल करसनजी
राजकोट शहर

मूल गुजराती पत्र (सी० डब्ल्यू० ६०२९) से।

सौजन्य: राधाबहन चौधरी


२५-१

 
  1. डाकखानेकी मुहरसे।