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अखिल भारतीय चरखा संघका संविधान


चन्दा मिल जानेपर मन्त्री सूतकी किस्म और मात्राकी जाँच करेगा और यदि वे सन्तोषजनक हुए तो वह सम्बन्धित कांग्रेस कमेटीको नीचेके फार्मपर एक प्रमाणपत्र भेजेगा :

"मैं प्रमाणित करता हूँ कि--------ने अ॰ भा॰ च॰ संघ को--------गज सूत सन्-----के लिए------प्रान्तीय कांग्रेस कमेटीकी-----------कमेटीमें अपनी सदस्यताके चन्देके रूपमें भेज दिया है।"

मन्त्रीके हस्ताक्षरसे युक्त प्रमाणपत्रकी दूसरी नकल सूत भेजनेवालेको भेज दी जायेगी।

केन्द्रीय कार्यालयमें एक पृथक् बहीखाता रहेगा जिसमें पूरे ब्यौरेके साथ उस सारे सूतकी सूची रहेगी जो कांग्रेसकी सदस्यताके लिए अ॰ भा॰ च॰ संघको प्राप्त होगा।

सदस्य

संघके सदस्योंके दो वर्ग होंगे, 'क' और 'ख':

  1. 'क' वर्गमें १८ सालसे अधिक आयुके और आदतन खादी पहननेवाले वे सदस्य होंगे जो नियमसे प्रति मास खजांचीके पास या किसी अन्य अभिकरणके पास जिसे परिषद् नियुक्त करे, १००० गज अपने हाथका कता हुआ अच्छा बटदार और एकसार सूत भेजेंगे।
  2. 'ख' में १८ सालसे अधिक आयुके आदतन खादी पहननेवाले वे सदस्य होंगे जो प्रतिवर्ष अपने हाथका कता अच्छा बटदार और एकसार ३००० गज सूत भेजेंगे।

राष्ट्रीय कांग्रेसकी सदस्यताके लिए संघको जो सूत दिया जायेगा वह संघको दिये गये चन्देका भाग माना जायेगा।

सदस्योंके अधिकार और कर्तव्य

'क' और 'ख' दोनों वर्गोंके प्रत्येक सदस्यका कर्तव्य होगा कि वह हाथकताई और खादीके लिए प्रचार करे।

सदस्योंको वर्तमान परिषद्की अवधि समाप्त होनेपर 'क' वर्गके सदस्योंमें से कार्यकारिणीके सदस्य चुननेका अधिकार होगा। नियमानुसार आयोजित बैठकमें उपस्थित सदस्य तीन-चौथाईके बहुमतसे संघके संविधानको बदल सकते है, किन्तु यह परिवर्तन इस तारीखसे ५ साल बीतनेपर किया जा सकेगा।

जब किसी प्रान्तमें ५० सदस्य दर्ज किये जा चके तो वे 'क' वर्गके सदस्यों में से ५ सदस्योंकी एक सलाहकार समिति, परिषद्को संघके उद्देश्योंसे सम्बन्धित प्रान्तीय मामलोंमें सलाह देनेके लिए चुन सकेंगे।

उप-सदस्य

जो लोग अखिल भारतीय चरखा संघको १२ रुपये प्रतिवर्ष अग्रिम देंगे और आदतन खादी पहनेंगे वे संघके उप-सदस्य माने जायेंगे।