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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


मैं चाहता हूँ कि यदि इस शर्तसे टेनरी मीले तो आप ले लें। उसकी व्यवस्था आपहि करें तो मुझको प्रिय लगेगा। यदि न करें तो व्यवस्थापक मैं ढूँढ़ लुँगा। टेनरीकी अपनी हि जमीन कुछ बीघा है। मैंने देख ली है। श्री मधुसूदनदासने इसमें अपने बहोत पैसे खर्च किये हैं।

तो सही बात है चर्खा संघकी। आप इसमें साथ दे सकते हैं? आप अखिल भारत देशबन्धु स्मारकमें अच्छी रकम दें ऐसा मांगता हुँ। इन तीनों बातके बारेमें आपसे जमनालालजी ज्यादा बात करेंगे—यदि आपका उनके साथ दिल्लीमें मीलना हुआ तो।

आपकी धर्मपत्नीको कुछ आराम हुआ है क्या?
मैं बिहारमें १५ तारीखतक हुंगा।

आपका,
मोहनदास गांधी

गांधीजीकी छत्रछायामें

मूल पत्र (सी॰ डब्लू॰ ६११३) की प्रतिसे।
सौजन्य : घनश्यामदास बिड़ला
 

१४१. वक्तव्य : समाचारपत्रोंको

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटीने एक बुद्धिमत्तापूर्ण निर्णय किया है। इससे कानपुरमें होनेवाले अधिवेशनमें कांग्रेसको वर्तमान समस्यापर पूरा समय देनेका मौका मिलेगा और वह ऐसे उपाय निकाल सकेगी जिससे दूसरे लोग भी कांग्रेसमें शामिल हो सकें। लेकिन ऐसा कर सकनेके पूर्व यह आवश्यक था कि कांग्रेस अपने दोनों दलोंके सम्बन्धोंको ठीक कर लेती। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटीने यह कार्य कर दिया है। अखिल भारतीय चरखा संघकी स्थापना कांग्रेसके उद्दश्योंमें सहायता पहुँचानके लिए की गई है, उसके विरुद्ध काम करनेके लिए नहीं। सभी कांग्रेसियों और अन्य लोगोंको, जो चरखेकी उपयोगितापर विश्वास करते हैं, इसमें शामिल होकर इसे सफल बनाना चाहिए।

[अंग्रेजीसे]
हिन्दू, २८–९–१९२५