पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 28.pdf/३७९

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१८४. एक अच्छा संकल्प

पिछले अगस्त महीने में जब मैं कलकत्तासे लौटते हुए मनमाडसे गुजर रहा था, तब कुछ मित्र स्टेशनपर आकर मुझसे मिले। मैंने सदाकी तरह पूछा कि मनमाडमें नियमसे कातनेवाले कितने लोग हैं, किन्तु उन्होंने उसका कोई उत्तर नहीं दिया। उसके बाद कुछ लोगोंने सोचा कि हमें अब सूत कातना आरम्भ कर देना चाहिए और अभी मेरे सामने उनका एक पत्र पड़ा हुआ है। यह कई सप्ताहसे मेरी फाइलमें रखा हुआ है। उसमें उन्होंने सूचित किया है कि पत्र लिखने के समयतक, अर्थात् ३ सितम्बरतक २० व्यक्तियोंने निष्ठाके साथ सूत कातना आरम्भ कर दिया है। मैं इन मित्रोंको इनके संकल्पपर बधाई देता हूँ। वैसे तो पिछले साल भी बहुत-से लोगोंने ऐसा ही संकल्प किया था, किन्तु उसे पूरा शायद ही कोई कर पाया हो। मुझे पूरी उम्मीद हैं कि इस संकल्पकी गति वैसी नहीं होगी। हममें से हरएक की बात उस लिखित दस्तावेजकी तरह पक्की होनी चाहिए, जिसका उल्लंघन करनेपर तत्काल कड़ा दण्ड दिया जा सकता हैं। मनमाडके भाइयोंने जैसा संकल्प किया है वैसे संकल्पोंको मैं राष्ट्रको दिये गये वचनके रूपमें मानता हूँ। ऐसा संकल्प करनेवाले लोग आम तौरपर वयस्क और अपने दायित्वको भली-भाँति समझने वाले होते हैं। मैं आशा करता हूँ कि मनमाडके मित्र अपने नाम अखिल भारतीय चरखा संघको भेज देंगे।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, १५–१०–१९२५
 

१८५. टिप्पणियाँ
अपना-अपना सूत भेजिए

अखिल भारतीय चरखा संघका वर्ष इसी महीनेसे शुरू होता है, इसलिए जो लोग इसके सदस्य होना चाहते हों, उन्हें तुरन्त सूतका अपना मासिक चन्दा भेजना शुरू कर देना चाहिए। जो लोग कताई मताधिकारके अन्तर्गत कांग्रेसके नियमित सदस्य रह चुके हैं, उनके लिए तो अ॰ भा॰ च॰ संघका सदस्य बनने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। और अनियमित सदस्योंको भी, अर्थात् जो लोग चन्देका पूरा सूत नहीं दे सके थे उनको भी, चन्दा चुकाने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिये क्योंकि अब चन्देमें दिये जानेवाले सूतकी मात्रा पहले कांग्रेसके चन्देमें जितना देना पड़ता था, उससे आधी कर दी गई है। जो भी हो कांग्रेसके चन्देका पूरा सूत न देनेवाले इन सदस्योंको अ॰ भा॰ च॰ संघ के द्वितीय श्रेणीके सदस्य बनने में तो कोई कठिनाई होनी ही नहीं चाहिए।