पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 28.pdf/४३७

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टिप्पणियाँ

जा रही है। अधिवेशनके लिए अपेक्षित जमीनको अन्तिम रूपसे मुहैया करनेकी कठिनाई अभी-अभी तय हुई है। फिर वहाँ पार्टीमें कुछ आन्तरिक झगड़े भी है। मैं आशा करता हैं कि डॉ॰ मुरारीलाल और उनकी समितिको आदमियोंकी और धन तरहकी वांछित मदद मिलेगी। कांग्रेस अधिवेशनोंकी सफलता बहत हदतक स्वागत समितिके सदस्योंकी लगन, बुद्धिमता होशियारी और साधन-सम्पन्नतापर निर्भर करती है, और समूची स्वागत समितिकी सफलता स्थानीय लोगोंके सक्रिय सहयोग और सद्भावपर निर्भर है। मुझे आशा है कि कानपुरकी स्त्रियाँ यह याद रखेंगी कि कांग्रेसके लम्बे और विषम इतिहासमें प्रथम बार भारतकी एक बेटी[१] कांग्रेसके अधिवेशनकी अध्यक्षता करने जा रही है। इस अधिवेशनमें महिला प्रतिनिधियों और दर्शकोंके विशेष रूपसे अधिक संख्यामें आनेकी सम्भावना है। मैं आशा करता हूँ कि इनकी जरूरतों और आरामका ध्यान रखने के लिए योग्य महिला स्वयंसेवकोंका दल भी वहाँ होगा।

अ॰ भा॰ चरखासंघके

सदस्योंसे मेरा विचार प्रति सप्ताह उन सदस्योंके नाम प्रकाशित करनेका है, जो अपने हिस्सेका सूत भेज चुके हों। यदि अ॰ भा॰ चरखा संघ नामोंकी लम्बी सूची प्रति सप्ताह न दे सके तो फिर और समयके अन्तरसे में उसे प्रकाशित करूँगा। संघकी तरफसे चन्देकी यही रसीद होगी। इस योजनासे न केवल कामके सुचारु रूपसे चलने में मदद मिलेगी, वरन् डाकखर्च बचेगा और केन्द्रीय कार्यालयका रोजमर्राका काम भी कम हो जायेगा। इन स्तम्भोंमें जिन्हें अपने नाम चन्दा भेजनेवालोंमें छपे न दिखें, उनको सीधे केन्द्रीय कार्यालयमें शिकायत भेजनी चाहिए। अपना सूत भेजते समय सदस्योको अपना पूरा नाम, पूरा पता, तहसील और कांग्रेस प्रान्त, सदस्यता वर्ग सभी लिखनेकी सावधानी बरतनी चाहिए और यह भी लिखना चाहिए कि सदस्य कांग्रेसका भी सदस्य बनना चाहता है या नहीं। यह ध्यान रखना चाहिए कि कांग्रेसके सदस्य बनने के लिए किसी अतिरिक्त चन्देकी जरूरत नहीं है। इस प्रकार स्वयं काता हुआ २००० गज सूत भेजनेसे प्रेषक चाहे तो संघके साथ-साथ कांग्रेसका भी सदस्य बन सकता है। सूतकी हर लच्छीके साथ एक कार्ड लगाना चाहिए जिसमें सूतकी कुल लम्बाई, फिरकीकी गोलाईकी माप, सूतका वजन, उसका अंक, रुईकी किस्म आदिका विवरण होना चाहिए और यह भी बताना चाहिए कि सूत चरखेपर काता गया है या तकलीपर। यदि सदस्य ये सब बातें ठीक-ठीक लिखनेकी सावधानी बरतेंगे, तो वे राष्ट्रका काफी समय बचायेंगे।

नकली खादी

एक मित्रने किसी हिन्दुस्तानकी मिलमें बुनी हुई नकली खादीके थानका एक लेबिल निकालकर मुझे भेजा है। लेबिलपर एक चरखा छपा हुआ है। और उसके पास ही पूनियोंसे भरी हुई एक टोकरी रखी हुई है और सूतसे लपेटी कुछ फिरकियाँ उसके सामने रखी हुई हैं। ये पत्र-लेखक महोदय लिखते हैं कि ऐसी खादी करीब

 
  1. सरोजिनी नायडू।