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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


अपनी दशा सुधारने के लिए और समाजमें अपने उचित स्थानको मान्यता दिलानेके लिए हमने समितियाँ बनाई है जो काफी काम कर रही है।

इस जातिको रायमें हिन्दुओंकी स्थितिको दृढ़ बनानेके लिए और अन्ततः हिन्दूमुस्लिम एकताके लिए अस्पृश्यताका सम्पूर्ण निवारण आवश्यक है। महात्माजी, हम आपसे यह अनुरोध करना चाहते है कि अस्पृश्यताके सम्बन्धमें अपने सार्वजनिक भाषणोंमें आप बंगालके हिन्दू समाजको इन विशिष्टताओंको, जिनके विषयमें हमने आपको मोटे तौरपर एक अन्दाज देनेका प्रयत्न किया है, अनदेखा नहीं करेंगे। हिन्दूसमाजके अभिजात-वर्गसे अपने संघर्ष में हम पददलितोंके उद्धारके लिए संघर्षशील एक जन्मजात योद्धाके नाते हम आपका परामर्श चाहते हैं।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, ५–११–१९२५
 

परिशिष्ट ७
अमेरिकामें कताई

यह क्रान्ति स्वाधीन लोगों द्वारा स्वतन्त्रताकी लड़ाई थी क्योंकि इन लोगोंमें प्रवर्त्तक साहस और शौर्य, विश्वास, धैर्य तथा लक्ष्य-भेदिताके साथ-साथ उनकी तैयारीकी मुख्य शक्ति यह थी कि प्रत्येक घर अपने लिये खाने-पीने, दवादारू, ईंधन, रोशनी, कपड़ा और मकानकी अपनी ही व्यवस्था करता था। यह बात बारुदसे कहीं अधिक प्रभावशाली थी।

इस सर्द मौसममें अगर हाथ करघा और चरखा, सन तथा भेड़ोंके बाड़े हर घरमें न होते, तो अमेरिकी सैनिक कड़ाकेकी सर्दी में ठिठुर कर मर जाते।

घरोंमें ऊन और सनका उत्पादन होता था और उनकी कताई और बुनाई होती थी जिससे मोजे, दस्ताने, टोपियाँ और कम्बल बनते थे या कपड़ा तैयार होता था।

पेड़ोंका सफाया करने और ठूँठोंको उखाड़ने तथा बड़े-बड़े पत्थरोंको हटानेके कठिन परिश्रमके बाद सनके पौधे लगा दिये जाते थे। इस सम्पूर्ण कार्यमें इतनी शक्ति खर्च होती थी कि जितनी फुटबालके कई मैचोंमें खर्च होती है और लोगोंको कम संख्यामें चोट आदि सहनी पड़ती थी।

बच्चे भी इस काममें हिस्सा बँटाते थे क्योंकि उन्हें इन खेतोंकी निराई करनी पड़ती थी। जब पौधे उगने लगते थे तो उनके डंठल बहत कोमल होते थे और बच्चोंको नँगे पांवों हवाके रुखकी तरफ आगे बढ़ते रहकर काम करना पड़ता था। यदि कोई पौधे कुचले जायें तो गिरे हुए उन पौधोंको उठाकर हवा फिर यथास्थान खड़ा कर दें।

लड़कियोंको उन दिनों पैरोंकी मशीनपर काम करने का अभ्यास होता था और वे अक्सर उस समय, जबकि माता दही बिलोती होती थी लकड़ीका बना भारी पालना डुलाती रहती थीं और उन्हें यह विचार प्रसन्नतासे भर देता था कि