सन् १६४०में मैसाच्यूसैट्सकी और कनेक्टीकटकी अदालतोंने दो आदेश जारी किये जिनमें कहा गया था कि सनकी बुनाई की जानी चाहिए और यह जानकारी दी जानी चाहिए कि उपनिवेशोंके कौन लोग कताई और बुनाईमें कुशल है। यह आदेश भी दिया गया था कि लड़के-लड़कियोंको कताई सिखाई जाये और जो वस्त्र उपनिवेशमें पैदा की गई कपास या सनकी कताई और बुनाई द्वारा तैयार किया गया हो, उसके लिए पुरस्कारको व्यवस्था की जाये।
प्रत्येक परिवारको आदेश दिया गया कि वह वर्षभरमें अमुक मात्रामें सनकी कताई करें, नहीं तो उसे जुर्माना देना होगा। मात्रा और गुणके लिए पुरस्कार दिये जाते थे। इस उद्योगको बढ़ावा देनेके लिए और गरीब तथा अमीर सभीके द्वारा खर्च में किफायत बरतने के लिए समितियाँ बनाई गई थीं।
बादमें बेंजामिन फ्रेंकलिनने 'पुअर रिचर्ड्स आलमेनेक' में लिखा था :
"बहुत-सी जागीरें नष्ट हो गई क्योंकि महिलाओंने चायकी खातिर कताई और बुनाई त्याग दी।"
आज हम "एक गज चौड़ी शुद्ध ऊनको जो वस्तुएँ" इतनी आसानीसे खरीद सकते हैं, उनके लिए उपनिवेशोंको महिलाओंको कई सप्ताह और महीने काम करना पड़ता था।
ऊनकी कताईका काम एक बड़ा कोमल और सावधानीका काम है और आज जिन विविध सावधान ढंगोंसे यह काम होता है, उसके पीछे हमारी सदियोंकी और स्वाभाविक अभिजातपूर्ण कार्यप्रणाली थी।
सन् १७७५की गमियोंमें कांग्रेसने लोगोंसे मांग की कि वे सर्दीके मौसममें सैनिकोंके लिए तेरह हजार गर्म कोट तैयार करें।
उन दिनों कपड़े और पोशाकें सप्लाई करने के लिए ठेकेदार नहीं हुआ करते थे। लेकिन देशभरमें सैकड़ों चूल्हे, चरखे और करघे सक्रिय हो गये और अमेरिकाकी देशभक्त महिलाओंकी कार्यशीलताके कारण कुल काम पूरा हो गया।
खादीधारी वीर
वाशिंग्टनकी सेनाको व्यंग्यमें "हाथ कते कपड़ोंकी वर्दीवाले सैनिक" कहा जाता था लेकिन इस विशेषणके पीछे जो कुछ महत्त्वपूर्ण था उससे कम लोग परिचित थे। जहाँतक स्त्रियोंका प्रश्न है, उन्होंने अपने करघोंको संघर्षके साथीके रूपमें प्यार करना सीखा और कपड़ा बुनते हुए उन्होंने प्रार्थना और प्यारके शब्द भी उसमें बुने।
सन् १७७५ में कोल चेस्टर, कानकी इन देशभक्त महिलाओंमें से एक महिला जिसका नाम एबिगेल फूट था, अपना प्रतिदिनका काम अपनी डायरीमें लिखा करती थी एक दिनके कामका नमूना इस प्रकार हैं:—
"प्रूडके लिए गाउन (लम्बा कोट) ठीक किया, माँके लिए घुड़सवारीकी पोशाककी मरम्मत की, छोटे धागेकी कताई की, वेल्जकी पुत्रियोंके लिए दो गाउन ठीक किये, सनकी धुनाई की, लिनेनकी कताई की, पनीरकी टोकरीपर काम किया,